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गोल्ड की बढ़ती कीमत और ब्याज का बोझ, SGB स्कीम से सरकार को घाटा, बंद हो सकती है सोने पर सबसे अच्छी सरकारी योजना

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सोने में निवेश से जुड़ी एक योजना ‘स्कीम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को सरकार बंद कर सकती है. दरअसल, इस योजना के वित्तपोषण की उच्च लागत के कारण सरकार इस स्कीम को बंद करने पर विचार कर रही है. CNBC आवाज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का मानना ​​है कि सॉवरेन गोल्ड बांड सोने में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किए गए थे, लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों और इस स्कीम पर दिए जाने वाले ब्याज के खर्च के कारण सरकार इस योजना को बंद कर सकती है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर सरकार सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी देती है. रिटर्न के अतिरिक्त इस ब्याज से सरकार को लॉस हो रहा है इसलिए आम बजट 2025 में एसजीबी स्कीम के लिए नए आवंटन की संभावना कम है.

SGB से सरकार को कैसे हुआ

दरअसल, पिछले 3-4 सालों में सोने में आए तेज उछाल के कारण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम दोगुना से ज्यादा रिटर्न दे रही है. इससे निवेशकों का तो फायदा हो रहा है लेकिन यह सरकार के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. गोल्ड बॉन्ड स्कीम में 8 साल के दौरान 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है. इसके अलावा, सरकार की ओर से मिलने वाला ब्याज अलग है. साल 2015 से अगस्त 2024 के बीच सोने के औसत भाव में 171 फीसदी की बढ़त रही है.

बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को 2015 में शुरू किया गया था. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आरबीआई सरकार की ओर से जारी करता है, इसलिए इसकी सरकारी गारंटी होती है. इसमें निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है. एसजीबी की पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 को आई थी. यह नवंबर 2023 में मैच्योर हो गई. एसजीबी स्कीम की 2016-17 की सीरीज 1 अगस्त 2016 में आई और अगस्त 2024 में मैच्योर हो गई.