म्यूचुअल फंड निवेशकों और डीमैट अकाउंटहोल्डर्स के लिए राहत भरी खबर है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 10 जून को जारी सर्कुलर में कहा कि वह उन निवेशकों के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो या डीमैट अकाउंट्स को फ्रीज नहीं करेगी, जिन्होंने अपने नॉमिनी से जुड़ी जानकारियां नहीं दी हैं.
इसके अलावा फिजिकल रूप में सिक्योरिटीज रखने वाले निवेशक अब डिविडेंड, ब्याज या सिक्योरिटीज को भुनाने जैसे किसी भी भुगतान को पाने के लिए पात्र होंगे. इसके साथ ही निवेशक ‘नॉमिनेशन का विकल्प’ न चुनने पर भी शिकायत दर्ज करने या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTA) से किसी भी सेवा का अनुरोध पाने के हकदार होंगे.
पहले नॉमिनेशन नहीं करने पर खातों से निकासी पर रोक लगाई जा सकती थी
इससे पहले सेबी ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए नॉमिनी का विवरण देने या नॉमिनेशन से बाहर निकलने के लिए 30 जून की समयसीमा तय की थी. नियम का पालन न करने पर उनके खातों से निकासी पर रोक लगाई जा सकती थी. हालांकि, सेबी ने सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा कि कंप्लायंस में सुगमता और निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा निवेशकों या यूनिटधारकों के लिए ‘नॉमिनेशन का विकल्प’ न देने पर डीमैट अकाउंट्स के साथ म्यूचुअल फंड अकाउंट्स पर रोक नहीं लगाने का फैसला किया गया है.
नए निवेशकों के लिए जारी रहेगी व्यवस्था
मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि लिस्टेड कंपनियों या आरटीए द्वारा ‘नॉमिनेशन का विकल्प’ न देने की वजह से फिलहाल रोके जा चुके भुगतान को भी अब निपटाया जा सकेगा. इसके साथ ही सेबी ने यह साफ किया कि सभी नए निवेशकों और म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को डीमैट अकाउंट/म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए अनिवार्य रूप से ‘नॉमिनेशन का विकल्प’ देने की व्यवस्था जारी रहेगी.