कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के परीक्षा भवन की पांचवीं मंजिल में दो दोस्तों के साथ बैठी डॉक्टर दीक्षा तिवारी (26) की नीचे गिरने से मौत हो गई। 2023 में एमबीबीएस करने के बाद तीनों की इसी साल इंटर्नशिप पूरी हुई थी। इसके बाद तीनों का ही अलग-अलग अस्पतालों में मेडिकल अफसर पद पर चयन हो गया था। इसी खुशी में तीनों ने बुधवार रात को एक दोस्त के कमरे में पार्टी की और इसके बाद मेडिकल कॉलेज पहुंच गए।
पांचवीं मंजिल पर बने डक्ट के स्लैब में बैठकर बातें कर रहे थे। अचानक स्लैब धंसने से डॉ. दीक्षा नीचे जा गिरी। हालांकि बरेली से आए परिजनों ने दोनों दोस्तों पर ही नीचे फेंकने का आरोप लगाया है। पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस के मुताबिक डक्ट की स्लैब कमजोर थी, भाई ने कहा-फेंका गया
एडिशनल सीपी हरीश चंदर, डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस और फोरेंसिक टीम की मानें तो दीक्षा जिस डक्ट पर बैठी थी, वह बेहद कमजोर थी। इस वजह से हादसा हो गया। वहीं हादसे की सूचना पर शहर आए दीक्षा के चचेरे भाई गौरव ने आरोप लगाया कि छत पर रगड़ के निशान मिले हैं, जिससे लग रहा है कि दीक्षा को घसीटकर डक्ट से नीचे फेंक दिया। पुलिस ने इस आरोप के बाद डॉ. मयंक और डॉ. हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर रही है।
एडिशनल सीपी हरीश चंदर, डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस और फोरेंसिक टीम की मानें तो दीक्षा जिस डक्ट पर बैठी थी, वह बेहद कमजोर थी। इस वजह से हादसा हो गया। वहीं हादसे की सूचना पर शहर आए दीक्षा के चचेरे भाई गौरव ने आरोप लगाया कि छत पर रगड़ के निशान मिले हैं, जिससे लग रहा है कि दीक्षा को घसीटकर डक्ट से नीचे फेंक दिया। पुलिस ने इस आरोप के बाद डॉ. मयंक और डॉ. हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर रही है।