अगर आप भी क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते होंगे तो जरूर जानते होंगे कि क्रेडिट कार्ड की एक लिमिट (Credit Card Limit) भी होती है. कई बार आपके स्पेडिंग पैटर्न और समय पर रीपेमेंट करने की वजह से बैंक/कंपनियां क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा देते हैं. हालांकि बैंक/कार्ड कंपनियां कुछ खास परिस्थितियों में क्रेडिट कार्ड की लिमिट घटा भी देते हैं. आइए जानते हैं कि वे कौन सी स्थितियां है, जब आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम की जा सकती है.
पेमेंट डिफॉल्ट करने पर
अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने में कई बार देरी कर देते हैं तो बैंक आगे आप पर नज़र रख सकता है.इसे बैंक इस तरह देखता है कि आपके पास क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को घटा देता है.
मिनिमम ड्यू चुकाने पर
क्रेडिट कार्ड में आपको अपनी बकाया राशि को अगले महीने के बिल में ट्रांसफर करने के लिए कैरी फॉरवर्ड का ऑप्शन मिलता है. कई लोग क्रेडिट कार्ड का मिनिमम ड्यू चुकाकर बकाया राशि को अगले महीने के लिए कैरी फॉरवर्ड कर लेते हैं. अगर आप बार-बार ऐसा करते हैं तो कंपनी आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट को घटा सकती है.
ज्यादा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) होने पर
आपको अपने क्रेडिट कार्ड की जो लिमिट मिलती है उसका जितना अमाउंट आप इस्तेमाल कर लेते हैं, उसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) कहा जाता है. अगर आपका यूटिलाइजेशन रेश्यो ज्यादा हो जाता है तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट कार्ड की लिमिट पर पड़ता है. उदाहरण के लिए, अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर 3 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट है. इसमें आप 30,000 रुपये खर्च करते हैं, तो आपका CUR 10 फीसदी होगा. अच्छे क्रेडिट स्कोर लिए हमेशा सलाह दी जाती है कि क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो 30 फीसदी से कम ही रखना चाहिए.
क्रेडिट कार्ड का बहुत कम इस्तेमाल
अगर आप भी इस तरह अपने क्रेडिट कार्ड का बहुत ही कम इस्तेमाल करते हैं तो बैंक की तरफ से आपकी क्रेडिट लिमिट घटाई जा सकती है. बैंक को फायदा तभी होता है जब अपने कार्ड का इस्तेमाल करने के साथ-साथ समय पर उसका रीपेमेंट करते हैं.