क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
के बीच राजनीतिक सुलह हो गई है? राजनीतिक गलियारों में इन दिनों ये एक बड़ा
सवाल है, जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है. मोदी-केजरीवाल को लेकर ‘सुलह’
और ‘दोस्ती’ की चर्चा हाल के दिनों में दोनों की एक साथ ली गई तस्वीर से
भी हो रही है.
नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद बीते दिनों दिल्ली
के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने डिप्टी मनीष सिसोदिया के साथ पीएम आवास
पहुंचे. मोदी के साथ केजरीवाल की ये मुलाकात वैसे तो 10 मिनट के लिए तय हुई
थी और इसे औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा था. लेकिन, जब दोनों मिले, तो
करीब आधे घंटे तक बात की. राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी चर्चा है कि पीएम
मोदी हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल के प्रति कुछ विनम्र हुए हैं.
केजरीवाल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से खड़े हुए
थे.
वहीं, विधानसभा चुनाव के करीब आते-आते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी
बदले-बदले से नज़र आ रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वह दिल्ली की
कानून-व्यवस्था में सुधार से लेकर पानी समेत विकास कार्यों की योजनाओं को
पूरा करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. केजरीवाल की
कोशिश है कि दिल्ली की भलाई के कामों में केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव
कोई अड़चन न बनें.
खुद केजरीवाल ने दिए संकेत
मोदी के साथ हुई ‘सुलह’ का सबसे बड़ा संकेत खुद केजरीवाल ने दिया है. हाल
के दिनों में उनके भाषणों पर नज़र डाली जाए, तो हम पाएंगे कि केजरीवाल ने
अपने भाषणों में कहीं भी पीएम मोदी के खिलाफ कुछ नहीं कहा. आजकल तो वह
केंद्र सरकार की आलोचना करने से भी बच रहे हैं. जबकि, चुनाव परिणाम आने के
पहले तक केजरीवाल पीएम मोदी और केंद्र को किसी न किसी मुद्दे को लेकर घेरने
की कोशिश करते रहे.