छत्तीसगढ़ में कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है. एक आंकड़े के अनुसार,
पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ के 3.16 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा है.
प्रदेश के सरकारी अस्पताल के आंकड़ों में हर साल एक लाख से ज्यादा लोगों को
कुत्तों के काटने के मामले दर्ज हुए हैं. कई जिलों में कुत्तों के काटने पर
एंटी रैबिज वैक्सीन की कमी की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं. कुत्तों
के काटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग से सामने आए आंकड़े हैरान करने वाले हैं.
सरकारी अस्पतालों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में सबसे ज्यादा
बिलासपुर में 3 साल में 1 लाख 10 हजार 925 डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं.
वहीं, दूसरे नंबर पर राजधानी रायपुर में 23 हजार 669 डॉग बाइट के मामले
दर्ज किए गए. तीसरे नंबर पर बस्तर है. इस क्षेत्र में कुत्तों के काटने के
20 हजार 916 मामले सामने आए हैं. बड़ी बात यह है कि ये खुद सरकार के
आंकड़े हैं. इसमें निजी अस्पतालों के आंकड़े शामिल नहीं हैं. यदि निजी
अस्पतालों में दर्ज डॉग बाइट के मामले जोड़ दिए जाएं तो यह आंकड़ा कहीं
ज्यादा हो जाएगा.
लाचार प्रशासन
रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि पेटा एक्ट के तहत इन
कुत्तों को मार नहीं सकते. ऐसे में हम क्या करें? वहीं, बीजेपी प्रवक्ता
श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि राजनीतिक सोच से ऊपर इसके लिए गंभीर
प्लानिंग की जरूरत है, क्योंकि यह समस्या पूरे प्रदेश में है. बारिश के
दिनों में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ते हैं. ऐसे में विशेष सतर्क रहने
की जरूरत है.