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ओम बिरला या के. सुरेश… कौन बनेगा लोकसभा स्पीकर? कैसे होगा नए अध्यक्ष के लिए चुनाव

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लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर आज जमकर घमासान मचने की अनुमान है. स्पीकर पद के लिए आज लोकसभा में सुबह 11 बजे वोटिंग होगी. इस पद के लिए NDA की तरफ से ओम बिरला और विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश के बीच मुकाबला है. इस चुनाव में वैसे तो संख्याबल एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला के ही पक्ष में है, लेकिन विपक्षी कांग्रेस भी अपने सांसद सुरेश को स्पीकर बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है.

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता चुने गए राहुल गांधी ने अपने स्पीकर कैंडिडेट पर समर्थन जुटाने के लिए टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात की है. उधर कांग्रेस, बीजेपी सहित एनडीए और इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों ने पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों को व्हिप जारी कर स्पीकर पद के लिए वोटिंग के दौरान लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है.

लोकसभा स्पीकर वैसे तो आम तौर पर सत्ताधारी दल का ही बनता है. इसे लेकर हमेशा से ही एक सम्मति रही है. भारत के इतिहास में यह दूसरा मौका होगा जब इस पद के लिए सदन में मतदान होगा. ऐसे में यहां हम आपको पूरी प्रक्रिया बता रहे हैं कि आखिर लोकसभा स्पीकर के लिए कैसे चुनाव होता है…

बुधवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले उन सांसदों के नाम पुकारे जाएंगे, जिन्होंने मंगलवार को शपथ नहीं ली थी. उनमें से जो सांसद मौजूद होंगे, उन्हें शपथ दिलाई जाएगी.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी दलों से उन्हें निर्विरोध सर्वसम्मति से चुनने का आग्रह करेंगे.
अगर उनका आग्रह स्वीकार करते हुए विपक्ष अपने उम्मीदवार के. सुरेश का नाम वापस ले लेता है तो ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे.
अगर विपक्ष की तरफ से अपने उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया जाएगा तो फिर सदन में चुनाव करवाया जाएगा.
फिर नए स्पीकर के चुनाव के लिए मत विभाजन की स्थिति बनती है तो पर्ची के जरिये वोट डाले जाएंगे.
इसके पीछे कारण ये होता है कि नई लोकसभा होने के कारण अभी सांसदों को उनकी सीट आवंटित नहीं किया जा सका है. लिहाजा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग नहीं हो सकती.
इसके बाद प्रोटम स्पीकर बताएंगे कि स्पीकर को लेकर पक्ष और विपक्ष की तरफ से मोशन आया है. फिर सभी सांसद नए स्पीकर को चुनने के लिए पर्ची से वोट डालेंगे.
इस चुनाव में प्रोटम स्पीकर अपना वोट नहीं डालते हैं. वह एक ही सूरत में वोट डालेंगे, अगर दोनों ही पक्षों को बराबर वोट मिल जाएं.
सदन में मौजूद सांसदों की संख्या में साधारण बहुमत के आधार पर स्पीकर का चुनाव होगा.
इस मतदान के बाद लोकसभा के नवनिर्वाचित स्पीकर को प्रधानमंत्री और दूसरे राजनीतिक दलों के नेता आसन तक लेकर जाएंगे.

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