आने वाले समय में टोल रोड (Toll Road) का इस्तेमाल करने के लिए वाहन चालकों को मंथली पास जारी किए जाने पर विचार किया जा रहा है. यह पास भारतीय रेल (Indian Railways) द्वारा अपने दैनिक यात्रियों (Daily Passengers) को दिए जाने वाले मंथली सीजन टिकट यानी एमएसटी (MST) की तरह होगा. इससे जहां टोल चोरी रुकने से सरकारी खजाने में ज्यादा पैसे मिलेंगे और लोगों को झंझट से मुक्ति मिलेगी.e
नई दिल्ली में ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर हुई एक इंटरनेशनल वर्कशॉप में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टोल नाकों के लिए कार वालों को मंथली और एनुअल पास जारी करने का विचार दिया. नितिन गडकरी ने कहा कि कार वालों को मंथली और एनुअली पास जारी करने पर मंत्रालय के सेक्रेटरी अनुराग जैन और एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव को विचार करना चाहिए. इस वर्कशॉप में कई देशों से एक्सपर्ट भी आए थे. मकसद यही था कि किस तरह से भारत में टोल नाको पर गाड़ियों को बिना रोके उनसे सेटेलाइट आधारित टोल लिया जाए.
झंझट होगा कम, आय बढेगी
गडकरी ने कहा कि टोल नाकों के लिए मासिक या वार्षिक पास जारी होने के कई फायदे होंगे. इससे जहां हाईवे बनाने वालों को टोल टैक्स से ज्यादा पैसे मिलेंगे वहीं कई तरह के झंझट भी खत्म हो जाएंगे. गौरतलब है कि अभी भी देश में कुछ जगह एनएचएआई मंथली पास जारी करता है. लेकिन यह मंथली पास केवल टोल नाकों के आसपास रहने वाले लोगों को जारी किए जाते हैं. विशिष्ट दायरे में आने वाले लोग अपनी गाड़ी की आरसी और अपना पहचान-पत्र दिखाकर बिना टोल दिए टोल प्लाज से गुजर सकते हैं.
10,000 करोड़ रुपये बढ़ सकता है टोल कलेक्शन
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में कुल टोल कलेक्शन में 10,000 करोड़ रुपये तक की वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर ऐसा हो सकता है. भारत में कुल टोल संग्रह सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. इस महीने की शुरुआत में एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपग्रह-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए दुनियाभर से प्रस्ताव मंगाए थे. इस कदम का उद्देश्य नेशनल हाइवेज पर फिजिकल टोल बूथ को खत्म करना है.