दिल्ली : राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर आज सुबह बड़ा हादसा हो गया। एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर बारिश की वजह से छत गिरने से वहां मौजूद कई कारें दब गईं। हादसे में छह लोग घायल हो गए। वहीं एक शख्स की मौत हो गई है। अब नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू इस पूरी घटना की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने घोषणा की कि हवाई अड्डे पर संरचना का गहन निरीक्षण किया जाएगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। पूरी तरीके से जांच के बाद ही टर्मिनल-1 को फिर से शुरू किया जाएगा। उड़ानों के संचालन को टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है।
20 लाख मुआवजे का एलान
इसके अलावा, सरकार की तरफ से मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। वहीं, घायलों को तीन लाख रुपये मदद देने की घोषणा की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ, वो 2009 में बना था।
सुबह तड़के हुआ हादसा
बता दें, सुबह करीब पांच बजे भारी बारिश के कारण आईजीआईए (घरेलू एयरपोर्ट) के टर्मिनल-1 के बाहर प्रस्थान द्वार संख्या 1 से लेकर द्वार संख्या 2 तक फैला शेड गिर गया, जिससे करीब चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और करीब छह लोग घायल हो गए। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। सभी घायलों की हालत स्थिर है। दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा, सीआईएसएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं।
सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था…
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में टर्मिनल-1 के बाहर फैला शेड भारी बारिश के चलते गिर गया। इसके चलते टर्मिनल-1 से आने वाली और जाने वाली उड़ानों को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। उड़ानों के सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि विमानों का प्रस्थान अपराह्न दो बजे तक निलंबित कर दिया गया है।
बता दें, टी-1 में केवल इंडिगो और स्पाइसजेट की घरेलू उड़ानें संचालित होती हैं। हवाई अड्डे पर तीन टर्मिनल टी1, टी2 और टी3 हैं, जहां रोजाना करीब 1,400 उड़ानों की आवाजाही होती है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि टर्मिनल 1 पर ढही छत का निर्माण 2008-09 के दौरान किया गया था और जीएमआर ने निजी ठेकेदारों को इस काम का ठेका दिया था।
एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल करेगा जांच
मंत्री का कहना है जांच के बाद घटना के तकनीकी कारणों और अन्य पहलुओं का पता चल सकेगा। एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल (एओडी) ढांचे की जांच करेगा। साथ ही डीजीसीए निरीक्षण की निगरानी करेगा और वे एक रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश भर के हवाई अड्डों पर सभी समान संरचनाओं की गहन जांच की जाएगी।