नीट और नेट पेपर लीक का मामला सड़क से होता हुआ संसद तक पहुंच गया है. खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में इसका जिक्र किया है. इतना ही नहीं इस मामले में सरकार की तरफ से और खुद शिक्षा मंत्री सफाई पेश कर चुके हैं. कहा जा रहा है कि संसद में भी शिक्षा मंत्री इस मामले में बोल सकते हैं. वहीं राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव समेत पूरा विपक्ष इस मामले को लेकर केन्द्र सरकार पर आक्रमक बना हुआ है. ऐसे में कई बीजेपी शासित राज्य भी नकल रोकने के लिए कठोर कानून बना रहे हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानून बना दिया है जिसमें अगर कोई शख्स या गिरोह पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. वहीं मध्य प्रदेश भी इस ओर अग्रसर है और बिहार सरकार के मंत्री का भी इस संबंध में बयान सामने आ चुका है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2019 से 19 राज्यों में 65 प्रमुख परीक्षाएं पेपर लीक से प्रभावित हुई हैं. पेपर लीक के इस बड़े मुद्दे ने पूरे देश का ध्यान तब खींचा जब विभिन्न राज्यों के नीट उम्मीदवारों ने संचालन संगठन के गलत कामों के खिलाफ़ विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. परीक्षा की सत्यनिष्ठा को लेकर पूरे देश ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर सवाल उठाए. संदेह तब पैदा हुआ जब 67 उम्मीदवारों को 720 में से 720 अंक मिले थे.
भारत सरकार ने पेपर लीक पर बनाए कानून
भारत सरकार ने पेपर लीक को देखते हुए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू किया है. इस अधिनियम के तहत अनुचित साधनों का उपयोग करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है. इसके तहत 10 साल तक की कैद और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है. यह पेपर लीक को रोकने के लिए अपनी तरह का पहला अधिनियम है.
यूपी सरकार ने पेपर लीक पर लाई अध्यादेश
यूपी सरकार द्वारा पेपर लीक पर लाई गई अध्यादेश में लोक सेवा भर्ती परीक्षा, पदोन्नति परीक्षा और डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के लिए प्रवेश परीक्षा शामिल है. फर्जी प्रश्न पत्र वितरित करने और नकली रोजगार वेबसाइट बनाने जैसे अपराध दंडनीय होंगे. सरकार ने एक बयान के अनुसार कहा गया था कि उल्लंघन करने वालों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास और 1 करोड़ तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.
एमपी सरकार पेपर लीक पर लाने वाली है अध्यादेश
मध्यप्रदेश सरकार भी यूपी सरकार की तरह पेपर लीक को लेकर कानून बनाने से पहले अध्यादेश लाएगी. सरकार यह सुनिश्चित करने की योजना बना रही है कि परीक्षा के प्रश्न पत्र बिना किसी लीक के निर्धारित केंद्रों तक पहुंचें. इसके लिए सरकार एक सख्त कानून लाएंगी कि परीक्षा केंद्रों के प्रभारी सहित कोई भी व्यक्ति इस तरह की गड़बड़ी में शामिल न हो. अगर (सरकारी) व्यवस्था में कोई समस्या है, तो वह भी इस कानून के दायरे में आएगी. इस तरह के कृत्य आपराधिक (गतिविधि) दायरे में आएगी.
बिहार सरकार भी बनाएगी पेपर लीक पर कानून
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कहा था कि राज्य सरकार परीक्षा पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़ा कानून लाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य विधानमंडल के आगामी मानसून सेशन में विधानसभा द्वारा नया कानून पारित किया जाएगा. चौधरी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद राज्य सरकार बिहार में पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए एक कड़ा कानून लाने जा रही है.