राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार सुबह तमिलनाडु में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी हिज्ब उत तहरीर मामले में की गई है. यह छापा अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन हुत के छह सदस्यों की मई में गिरफ्तारी के बाद किया गया है. बता दें कि सभी को चुनाव और लोकतंत्र के खिलाफ दुष्प्रचार जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था.
यह मामला, शुरू में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13(1)(बी) के कई आरोपों के तहत मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. मुख्य संदिग्ध, मोहम्मद इकबाल ने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट, “थुंगा विझिगल रेंडू काजीमार स्ट्रीट में है” का इस्तेमाल ऐसी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया, जो एक विशेष समुदाय को बदनाम करती थी, तथा विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच सांप्रदायिक विद्वेष को भड़काती थी.
मार्च 2022 में, NIA ने दो आरोपी व्यक्तियों – तिरुवरुर जिले के मन्नारगुडी निवासी बावा बहरुदीन उर्फ मन्नाई बावा और तंजावुर जिले के कुंभकोणम निवासी जियावुद्दीन बाकवी के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया. जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्ति हुत के सदस्य था. वे कथित तौर पर इस्लामी राज्य की स्थापना और कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक तकी अल-दीन अल-नभानी, जो हुत का संस्थापक था, द्वारा लिखे गए संविधान के मसौदे को लागू करने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में लगे हुआ था.
क्या करता था बहरुदीन और जियावुद्दीन?
बावा बहरुदीन और जियावुद्दीन बाकवी कथित तौर पर सदस्यों की भर्ती के लिए बैठकें आयोजित कर रहा था और युवाओं को भारत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए इस्लामिक स्टेट की स्थापना की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने, कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने के लिए गुप्त कक्षाएं भी चला रहा था. उसने कथित तौर पर फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए तमिलनाडु और केरल के विभिन्न जिलों में नए सेल स्थापित करने की साजिश भी रची थी ताकि एचयूटी की विचारधारा को फैलाया जा सके.