दिल्ली हाईकोर्ट में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले के सीबीआई केस में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने जमानत मांगने वाली अरविंद केजरीवाल की इस याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई अब 17 जुलाई को होगी.
इस दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें ट्रिपल टेस्ट यानी तीन स्तर वाली पड़ताल का दूर-दूर तक कोई आरोप लगा हो.
सिंघवी बोले- केजरीवाल आतंकी नहीं हैं
सिंघवी ने कहा कि इस मामले में चार लोगों को जमानत मिल चुकी है. सामान्य जमानत मामले में किस आधार पर उन्हें जेल में रखा जाता है ? केजरीवाल को इस मामले म़े 2 साल बाद गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, ‘2023 में केजरीवाल से 9 घंटे पूछताछ की गई.जब केजरीवाल को पीएमएलए मामले में जमानत मिल जाती है फिर सीबीआई गिरफ्तार कर लेती हैं. वह कोई घोषित अपराधी या आतंकवादी नहीं है.’
वहीं सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया.सीबीआई ने कहा कि जमानत के लिए पहली अदालत ट्रायल कोर्ट होनी चाहिए थी. उन्होंने गिरफ्तारी को चुनौती दी है, वह याचिका हाई कोर्ट में पहले से ही लंबित है.हाईकोर्ट ने कहा कि सेशन जज की पहली सुनवाई का लाभ आपको मिलेगा, अदालत की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है.
कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि आप जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट आ गए.ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए. इस पर सिंघवी ने कहा, ‘माई लॉर्ड! ऐसा किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसलों में भी ऐसा कहा है.’ बाद में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल द्वारा सीधे हाईकोर्ट जाने संबंधी दलीलों पर बहस के दौरान विचार किया गया हैं.
सीबीआई ने प्रताड़ित और परेशान किया: केजरीवाल का दावा
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी जमानत याचिका में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि सीबीआई ने उन्हें प्रताड़ित और परेशान किया है और एजेंसी का आचरण स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण है. दिल्ली सीएम ने कहा है कि सीबीआई लगातार चल रही जांच की आड़ में उन्हें परेशान कर रही है. इसे उन्होंने गंभीर निराशा और चिंता का विषय बताया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी प्रमुख जांच एजेंसी कानून की प्रक्रिया से खिलवाड़ नहीं कर सकती और सीबीआई को पक्षपात या एकतरफा दृष्टिकोण की किसी भी धारणा को दूर करते हुए निष्पक्षता और निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए.
केजरीवाल के अनुसार, जब अप्रैल २०२३ में उन्हें बुलाया गया था, तब उन्होंने सीबीआई को पूरा सहयोग और सहायता प्रदान की थी. अपनी गिरफ्तारी को पूरी तरह से अवैध, असंवैधानिक और अस्थिर बताते हुए याचिका में कहा गया है कि रिमांड आदेश नियमित रूप से जारी किए जाते हैं, जिससे गिरफ्तारी और कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है. अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि जांच वास्तव में पहले ही पूरी हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी का आधार बनने वाली सामग्री पहले ही एकत्र की जा चुकी है