(रायपुर )राज्य शासन द्वारा चालू खरीफ मौसम में उद्यानिकी फसलों के लिए सभी 27 जिलों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है। राज्य शासन के कृषि विकास किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग रायपुर द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
योजना के अंतर्गत चालू खरीफ मौसम में टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च और अदरक फसल को अधिसूचित की गई है। योजना के क्रियान्वयन के लिए राजस्व निरीक्षक मंडल को बीमा इकाई बनाया गया है।
सहायक संचालक उद्यानिकी ने बताया कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के विपरीत मौसम के कारण उद्यानिकी फसलों को नुकसान होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में बीमा राशि दी जाएगी, मौसम से संबंधित डाटा या जानकारी संधारित करने के लिए रायगढ़ जिले के 41 स्थानों पर स्वचलित मौसम केन्द्रों की स्थापना की गई है। ग्राम पंचायतों के समूहों के आधार पर अलग-अलग जगह स्वचलित मौसम केन्द्र बनाए गए है, मौसम केन्द्रों में असामयिक वर्षा, तापमान के उतार-चढ़ाव, आंधी-तूफान सहित अन्य मौसम के प्रतिकूल परिस्थितियों के डाटा दर्ज किए जाते है।
इस योजना में ऋणी तथा अऋणी (भू-धारक एवं बटाईदार) शामिल हो सकते है, यह योजना अनिवार्य तथा स्वैच्छिक आधार पर लागू होगी, योजना में शामिल होने के लिए 30 जुलाई 2019 अंतिम तिथि निर्धारित है।
रायगढ़ जिले में योजना के क्रियान्वयन के लिए बजाज एलायंज जनरल ईश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का चयन किया गया है। योजना के लिए अधिकतम देय प्रति एकड़ टमाटर में कुल बीमित राशि एक लाख रुपए का प्रतिशत अर्थात 2 हजार रुपए, बैगन कुल बीमित राशि 70 हजार रुपए का प्रतिशत 5 प्रतिशत अर्थात 1400 रुपए, अमरूद में कुल बीमित राशि 40 हजार रुपए का 5 प्रतिशत अर्थात 800 रुपए, केला में कुल बीमित राशि 1.50 लाख रुपए का 5 प्रतिशत अर्थात 3 हजार रुपए, पपीता का बीमित राशि 1 लाख 10 हजार का 5 प्रतिशत अर्थात 2200 रुपए, मिर्च फसल में कुल बीमित राशि 80 हजार रुपए का 5 प्रतिशत अर्थात 1600 रुपए एवं अदरक में बीमित राशि 1 लाख 30 हजार रुपए का 5 प्रतिशत अर्थात 2600 रुपए निर्धारित है। प्रीमियम बीमित राशि का 5 प्रतिशत ही किसानों को प्रीमियम के रूप में देना होगा, शेष प्रीमियम राशि 50-50 प्रतिशत के मान से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय सहायक संचालक उद्यान रायगढ़ एवं समस्त विकासखण्ड के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, उद्यान विकास अधिकारी एवं ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारियों से संपर्क कर सकते है।