रायपुर। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में एक वरिष्ठ नेता को कुर्सी और कक्ष आवंटन पर गरमा गरमी होने की सूचना आ रही है। मामला एक दिन पहले का है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कल एक बैठक हुई। इमसें पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित प्रदेश के सभी बड़े नेता मौजूद थे। गरमा-गरमी इसी बैठक के दौरान हुई है।
बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान राजीव भवन में नेता प्रतिपक्ष के लिए कक्ष आवंटित करने की बात निकली। बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजीव भवन में नेता प्रतिपक्ष के लिए भी एक कक्ष होना चाहिए, ताकि उन्हें भेंट मुलाकात करने में आसानी हो। कुछ नेताओं ने यह कहते हुए इसका विरोध किया ऐसी व्यवस्था नहीं रही है। इस विषय पर बहस के बीच वहां मौजूद नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने हस्तक्षेप करके मामला शांत कराया। बताया जा रहा है कि डॉ. महंत ने नेताओं को कक्ष की बहस में पड़ने की बजाय पार्टी पर ध्यान देने के लिए कहा।
इस बीच कांग्रेस नेताओं ने बताया कि गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन (पुराना प्रदेश मुख्यालय) से लेकर राजीव भवन तक में नेता प्रतिपक्ष के लिए अलग कक्ष रहता था। राजीव भवन में लंबे समय तक यह व्यवस्था रही, लेकिन फिर वह कक्ष किसी नेता को आवंटित कर दिया गया।
उल्लेखनी है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की इस बैठक में राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई। पार्टी नेताओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को बदहाल करार दिया है। इसके विरोध पार्टी २२ जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया है। घेराव की तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।
राज्य में बीते छह माह में हुई घटनाओं के आधार पर सड़कों में उतरकर प्रदेश भर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर घेराबंदी की जाए। पार्टी नेताओं ने बताया कि इस आंदोलन के जरिये जहां एक तरफ सरकार की नाकामी को जनता के बीच लाया जाएगा वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय किया जाएगा। पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया है। विधानसभा घेराव में प्रदेश भर से कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचेंगे। इसकी तैयारियों के लिए भी वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।