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भारत के भरोसे ही अमेरिका! रूस संग दोस्ती की दुहाई देकर की गुजारिश- प्लीज, पुतिन से कहकर यूक्रेन जंग खत्म कराइए

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भारत और रूस की दोस्ती कितनी पक्की है, यह अमेरिका भी बखूबी जानता है. उसे भी पता है कि रूस को केवल भारत ही समझा सकता है. यही वजह है कि पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद से अमेरिका लगातार भारत से गुहार लगा रहा है. अमेरिका ने फिर से भारत से गुहार लगाई है और कहा है कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करे और पुतिन से यूक्रेन जंग खत्म करने को कहे. जब मोदी रूस दौरे पर थे, तब भी अमेरिका ने पुतिन से यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए राजी करने की गुहार लगाई थी.

रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच अमेरिका ने फिर भारत से गुजारिश की है कि वो रूस के साथ अपने पुराने रिश्तों का फायदा उठाए और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए कहे. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को प्रेस वार्ता में यह बात कही. उन्होंने दिल्ली-मास्को के मजबूत रिश्तों का जिक्र किया और भारत से यह भी आग्रह किया कि वो पुतिन से संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने के लिए कहे.

अमेरिका ने क्या गुहार लगाई
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘देखिए, भारत का रूस के साथ बहुत पुराना रिश्ता है. मुझे लगता है कि ये बात किसी से छुपी नहीं है. और हम-अमेरिका की तरफ से- भारत से गुजारिश करते रहे हैं कि वो रूस के साथ अपने इस पुराने रिश्ते और अपनी खास पोजिशन का इस्तेमाल करे. ताकि भारत रूसी राष्ट्रपति राष्ट्रपति पुतिन से इस जंग को खत्म करने और एक न्यायसंगत शांति, एक स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहे. साथ ही व्लादिमीर पुतिन से ये भी कहे कि वो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का सम्मान करें, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करें.’

मोदी के दौरे पर अमेरिका की टिप्पणी
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत सरकार के साथ हम इस बात पर जोर देते रहेंगे. रूस के साथ रिश्तों के मामले में भारत सरकार हमारी एक अहम साझेदार है.’ दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया रूस दौरे पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में मिलर ने यह टिप्पणी की. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी के इस दौरे को शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका बताया था. बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी आधिकारिक दौरे पर मॉस्को गए थे. जहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने 2030 तक आपसी व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का बनाने और गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को दूर करने के अपने लक्ष्यों को रेखांकित किया.

पहले भी यही गुहार लगा चुका है अमेरिका
इससे पहले भी अमेरिका ने इसी तरह की गुजारिश की थी. मोदी जब रूस दौरे पर थे, तब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पियरे ने कहा था, ‘हमारा मानना ​​है कि रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक और अच्छे संबंध हैं. यही चीज भारत को राष्ट्रपति पुतिन से यह कहने की क्षमता देते हैं कि रूस किसी तरह यूक्रेन जंग को समाप्त करे. भारत हमारा एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं, जिसमें रूस के साथ उनके संबंध भी शामिल हैं और हमने इस बारे में पहले भी बात की है. यह महत्वपूर्ण है कि भारत सहित सभी देश यूक्रेन के मामले में एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति को साकार करने के प्रयासों का समर्थन करें. इस युद्ध को समाप्त करना राष्ट्रपति पुतिन का काम है. राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू किया और वे ही इस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं.’

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