छत्तीसगढ़ के कोंडागांव की रहने वाली नित्या इस साल कल्पना चावला स्कॉलरशिप
प्रोग्राम के तहत चयनित होकर फ्रांस पहुंच गईं हैं. नित्या उन 4 युवाओं
में शामिल हैं, जिन्हें फ्रांस इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी में रहकर 65
दिनों की फेलोशिप करने का मौका मिला है. बता दें कि फ्रांस के इंटरनेशनल
स्पेस यूनिवर्सिटी में विश्व स्तर के एस्ट्रोनोमर व रिसर्चर की निगाहें
सोमवार को टीवी स्क्रीन से चिपकी हुई थी, जब स्क्रीन पर भारत के चंद्रयान
मिशन की गतिविधियों को वे टकटकी लगाए देख रहे थे.
बस्तर के आदिवासी बाहुल्य कोंडागांव जिले की नित्या इस साल कल्पना चावला
स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत चुनी गईं हैं, जो अब फ्रांस पहुंच चुकी हैं.
इसके तहत नित्या को 14 लाख रुपए मिले थे. फेलोशिप प्रोग्राम 24 अगस्त को
पूरा हो जाएगा. फेलोशिप प्रोग्राम पूरा होने के बाद नित्या वहीं रहकर
पीएचडी करना चाहती हैं.
एस्ट्रोफिजिक्स में MSC प्रथम श्रेणी से पास हुईं
दरअसल, स्कॉलरशिप लेने के बाद नित्या स्पेस यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनोमर्स
के बीच रहकर अपना अध्ययन पूरा कर रही हैं. बता दें कि कल्पना चावला को
आदर्श मानने वाली नित्या के पिता बीपी पांडेय स्थानीय महात्मा गांधी वार्ड
स्थिति स्कूल में प्रधानपाठक हैं. उन्होंने बताया कि नित्या की स्कूल की
पढ़ाई बनियागांव के सरकारी स्कूल और सरस्वती शिशु मंदिर कोंडागांव में हुई
है. वहीं नित्या ने BSC स्थानीय पीजी कॉलेज से करने के बाद एस्ट्रोफिजिक्स
में MSC के लिए पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था. वर्ष
2018 में वे यहां से प्रथम श्रेणी से पास हुईं थीं.
अंतरिक्ष में जाने का लक्ष्य
वहीं नित्या ने बताया कि एमएससी एस्ट्रोफिजिक्स से करने के बाद खगोल
विज्ञान का अध्ययन करती रहीं. तब इसी बीच उनका चयन कल्पना चावला स्कॉलरशिप
के लिए हो गया. नित्या ने अपना लक्ष्य तय किया है कि एक दिन वह अंतरिक्ष
में जरूर जाएंगी.
बेंगलुरु और नैनीताल में की ट्रेनिंग
नित्या ने बताया
कि वे खगोलीय भौतिक के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती है. उसने वर्ष
2017 में समर रिसर्च स्कॉलरशिप के अंतर्गत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस
बेंगलुरु और एरीज सेंटर नैनीताल में प्रोफेशनल ट्रेनिंग की है.