रायपुर। महानदी के किनारे ही तकरीबन 40 करोड़ की रेत का अवैध भंडारण किया गया है। जिस पर खनिज विभाग की नजर नहीं पड़ रही है। अब बारिश में इस रेत को चार गुना अधिक कीमत पर रेत माफिया बेच रहे हैं।
बता दें कि धमतरी और महासमुंद में बीते सप्ताह लाखों की रेत जब्त हो चुकी है। रायपुर में सिर्फ 17 जगहों पर रेत भंडारण की अनुमति मिली है, लेकिन 200 से ज्यादा जगहों पर भंडारण किया जा चुका है। खनिज विभाग के नियमानुसार ऐसे भंडारण को जब्त करके राजसात किया जाता है। इसके बाद सरकारी रेट पर नीलामी की प्रक्रिया होती है। ऐसे में यह रेत आम जानता या फिर सरकारी निर्माणों में उपयोग की जा सकती है।
सामने आई रेत पर मुनाफाखोरी की हकीकत
टीम ने कुम्हारी, पारागांव और हरदीडीह की पड़ताल की तो यहां रेत पर मुनाफाखोरी की हकीकत सामने आई। यहां एक हाईवा रेत के लिए नौ से 10 हजार रुपये लिए जा रहे हैं, जो निर्माण स्थल तक पहुंचकर 18 से 20 हजार तक हो जाती है। जबकि सरकार ने लोडिंग की कीमत 150 रुपये प्रति घन मीटर तय कर रखी है, इस हिसाब से रेत की कीमत 1500 रुपये प्रति हाईवा होती है, लेकिन रेत माफिया नौ से 10 हजार रुपये वसूल रहे हैं।
रॉयल्टी की कालाबाजार
रेत भंडारण करने वालों द्वारा यदि एक हाईवा की रायल्टी मांगी जाती है तो 700 रुपये की रॉयल्टी का 4,000 रुपये लिया जाता है। बता दें कि सिर्फ परिवहन पर कार्रवाई हो रही है ऐसे में कार्रवाई से बचने के लिए रॉयल्टी पर्ची खरीदना मजबूरी है। दूसरी ओर सरकारी निर्माण में एक-एक ट्रिप की रायल्टी लेनी पड़ती है।
रायपुर कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने कहा, अवैध भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश खनिज विभाग को दिए गए हैं। जितने भी अवैध भंडारण हैं उनकी रिपोर्ट मांगकर कर जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
यह है भंडारण का नियम
खनिज विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के नियम 71 खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा 21 छत्तीसगढ़ खनिज (खनन,परिवहन एवं भंडारण) नियम 2009 के तहत नदी से एक किलोमीटर की दूरी पर ही भंडारण हो सकता है।
लोडिंग पर निविदा दर पर रायल्टी देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर मामला दर्ज कर भंडारित रेत को जब्त कर अवैध भंडारणकर्ता को तीन दिवस के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद भंडारण को सील किया जाता है।