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माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से थमी पूरी दुनिया, कई देशों में बनी आपातकाल जैसी स्थिति; भारत में उड़ानों पर पड़ा सबसे अधिक असर…

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नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज-10 का इस्तेमाल करने वाले टर्मिनलों में ब्लू स्क्रीन आने की वजह से शुक्रवार को दुनिया एक तरह से ठहर सी गई। इस कारण कई देशों में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, बैंकों एवं अस्पतालों की प्रणालियां ऑफलाइन हो गईं एवं मीडिया प्रतिष्ठानों का कामकाज रुक गया। इस आउटेज की वजह से दुनियाभर की कंपनियां और सेवाएं प्रभावित हुईं हैं।

भारत में दिखा व्यापक असर
भारत के जनजीवन पर भी इसका व्यापक असर हुआ। इसकी वजह से जहां दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु समेत कई शहरों में 200 से ज्यादा उड़ान सेवाओं के बाधित होने से यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं, शेयर बाजार से जुड़ी ब्रोकर एजेंसियों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से शेयर कारोबार को लेकर दिक्कतें पैदा हुईं।
*भारत के बैंकिंग व वित्तीय सेक्टर पर कोई बड़ा असर नहीं*
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी, होंडा व कुछ दूसरी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी कहा कि उनका कामकाज प्रभावित हुआ है। अच्छी बात यह रही कि अमेरिका व पश्चिमी देशों के बैंकिंग सेक्टर की तरह भारत के बैंकिंग व वित्तीय सेक्टर पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। आरबीआई की तरफ से बताया गया कि 10 बैंकों या वित्तीय कंपनियों की सेवाएं प्रभावित हुई थीं, लेकिन उन्हें सुलझा लिया गया है या सुलझाया जा रहा है।

*माइक्रोसॉफ्ट ने जारी किया बयान*
शुक्रवार सुबह से ही दिल्ली व कुछ दूसरे शहरों में स्थित हवाई अड्डों पर संचालित कंप्यूटरों का कामकाज प्रभावित होने की सूचना सामने आने लगी थी। माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से बताया गया कि यह समस्या एक थर्ड पार्टी कंपनी क्राउड स्ट्राइक (साइबर सिक्यूरिटी देने वाली सॉफ्टवेयर कंपनी) की वजह से पैदा हुई।
*अमेरिका सहित कई देशों में आपातकाल जैसे हालात*
क्राउड स्ट्राइक ने विंडोज-10 को साइबर हमले से ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक सिस्टम अपग्रेड किया था, लेकिन इसका तकनीकी तालमेल नहीं बैठ पाया और एक के बाद एक करोड़ों कंप्यूटरों के स्क्रीन नीले (ब्लू स्क्रीन) हो गए। समस्या सामने आने के तुरंत बाद अमेरिका व दूसरे देशों में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई।

इस दौरान भारत में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) भी सक्रिय हुई और दोपहर बाद एक एडवाइजरी जारी कर माइक्रोसॉफ्ट का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वालों को एहतियाती तौर पर कुछ कदम उठाने की सलाह दी। इसमें लोगों को विंडोज को सेफ मोड में बूट करने को कहा गया। साथ ही क्राउड स्ट्राइक के पोर्टल से अपडेट जानकारी लेने को भी कहा गया।

*भारत के एनआईसी पर नहीं पड़ा असर: वैष्णव*
देर शाम इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, उनका मंत्रालय (एमईआईटीवाई) लगातार माइक्रोसॉफ्ट के साथ संपर्क में है। साथ ही सीईआरटी-इन भी सिस्को (वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी) के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है ताकि बेहद महत्वपूर्ण निकायों को सुरक्षित किया जा सके। गड़बड़ी की पहचान की जा चुकी है और इसका समाधान निकाला जा रहा है। सभी प्रभावित कंपनियां अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रही हैं और कई मामलों में सिस्टम में सुधार किया जा चुका है। वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि भारत के नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सिस्टम (एनआईसी) पर कोई असर नहीं पड़ा है।

विमान यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश
देश के उड्डयन सेक्टर पर इसका बड़ा असर पड़ा। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की समस्या ने देशभर में उड़ानों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
राममोहन नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर माइक्रोसॉफ्ट की समस्या से भारत में उड़ानों में अप्रत्याशित तौर पर विलंब हुआ है। हमने एयरलाइनों और हवाई अड्डों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखें। विलंब से प्रभावित यात्रियों को समय पर खाना, पानी या उनके बैठने की उचित व्यवस्था की जाए। इसके अलावा विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ मिलकर यात्रियों को हाथ से लिखा हुआ बोर्डिंग पास जारी करने की व्यवस्था भी की गई है। यात्रियों को कहा गया है कि वे एयरलाइन कंपनियों के स्टाफ के साथ सहयोग करे।
सबसे ज्यादा इंडिगो की उड़ानें प्रभावित

खबर लिखे जाने तक जो सूचना मिली थी, उसके मुताबिक आउटेज से सबसे ज्यादा इंडिगो एयरलाइन की उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कंपनी ने बताया कि बुकिंग, चेकिंग, बोर्डिंग पास जारी करने का काम प्रभावित हुआ है। कंपनी ने अपनी करीब 200 उड़ानों को रद्द कर दी है। स्पाइसजेट, अकासा एयर, विस्तारा जैसी एयरलाइनों को भी तकनीकी स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इससे कामकाज प्रभावित हुआ है और मैनुअल तरीके से सारा कामकाज करना पड़ रहा है।

*भारत का वित्तीय सेक्टर सुरक्षित*
शुक्रवार शाम को रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर बताया कि माइक्रोसॉफ्ट सेवाओं में बड़े स्तर पर गड़बड़ी ने सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े तमाम सेक्टरों पर असर डाला है। रिजर्व बैंक ने अपने नियमन में आने वाले सभी संस्थानों की स्थिति की समीक्षा की है। अच्छी बात यह पता चली कि भारत में अधिकांश बैंक क्लाउड सिस्टम पर काम नहीं कर रहे हैं और बहुत ही कम बैंक क्राउड स्ट्राइक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

आरबीआई ने पाया है कि 10 बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर मामूली असर पड़ा है। मोटे तौर पर वैश्विक स्तर पर जो अफरातफरी मची, भारतीय वित्तीय सेक्टर उससे सुरक्षित बचा हुआ है। आरबीआई ने अपने नियमन के तहत आने वाली एजेंसियों को एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।

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