निगम में अभी तक 26 की संख्या में दावा-आपत्ति जमा, 22 जुलाईा अंतिम तिथि
इन वार्डों के सीमाओं में हुआ बदलाव
वार्डों के परिसीमन के बाद जिन 23 वार्डों की सीमाएं बदली है उनमें से वार्ड क्रं. 2 जहां सिर्फ 18 सौ मतदाता संया है। वार्ड क्रं. 3, 5, 6, 15, 16, 20, 22, 23, 24, 25, 29, 30, 31, 32, 33, 49, 41, 42, 43, 46, 47 और वार्ड नं. 50 शामिल है। इन वार्डों की जन के अनुपात को देखते हुए वार्ड की सीमाओं को बदलकर जनसंख्या
को औसत करने का प्रयास किया गया है। जबकि शेष 28 वार्डों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। परिसीमन में सन् 2014 के अनुरूप वार्डों की औसत जनसया 3198 में रखी गई है। परिसीमन में शहर का सबसे छोटा वार्ड रहे मेडिकल वार्ड नं. 21 को पेंड्री वार्ड नं. 20 में शामिल कर दिया गया है। यहां सिर्फ 390 ही मतदाता थे। इसी तरह कैलाश नगर वार्ड को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है। कैलाश नगर वार्ड क्रं. 30 को विभाजित कर वार्ड क्रं. 29 बनाया गया है। इसकी जनसंख्या
2183 है जो शहर का सबसे छोटा वार्ड होगा। हालांकि गौरी नगर, कन्हारपुरी व पेंड्री की जनसंया 4 हजार के पार है।
राजनांदगांव। इस साल के अंतिम में होने वाले नगरीय निकायों के चुनाव के पहले शासन के निर्देशानुसार वार्डों का परिसीमन किया गया है। राजनांदगांव नगर निगम के 51 वार्डों का परिसीमन कार्य पूरा किया जा चुका है तथा इसकी पहली सूची का प्रकाशन 15 जुलाई को कर दी गई है। इस बीच वार्डों के परिसीमन को लेकर विरोध होना शुरू हो गया है। कांग्रेस ने तो परिसीमन कार्य के चलते ही विरोध के स्वर मुखरित कर दिए थे। वही शहर के कुछ वार्डों मेंअपने वार्डों के परिसीमन को लेकर आवाज उठनी शुरू हो गई है। शुक्रवार को मोहारा वार्ड नं. 47 के लोगों ने अपने पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि के साथ नगर निगम में धावा बोला और उसके वार्ड की मतदाता संया को कम किए जाने को लेकर रोष प्रकट करते हुए आपाि व्यक्त की है। वार्ड वासियों द्वारा कहा गया है कि मोहारा वार्ड को यथावत नहीं रखा गया तो चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। बताते चले कि परिसीमन के बाद आरक्षित वार्डों में भी बदलाव की संभावना है। हालांकि यह स्थिति अंतिम प्रकाशन के बाद ही साफ होगी वार्डों में अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंया के आधार पर वार्डों को आरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। आरक्षित वार्ड राज्य स्तर पर निर्धारित होंगे। इधर नए परिसीमन के साथ ही पार्षद के लिए पुराने रोस्टर से चल रहे आरक्षण की प्रक्रिया भी खत्म हो गई है। अब वार्डों में पार्षद सीट का आरक्षण नए सिरे से किया जाएगा। निगम में बोला धावा बता दे कि वार्डों के परिसीमन चलते शहर के विभिन्न वार्डों से विरोध के स्वर सुनाई देने लगे है। पेंड्री वार्ड नं. 20 की किसी प्रकार बदलाव नहीं करने तथा सुरक्षित रखने की मांग छाीसगढ़ मुक्ति मोर्चा द्वारा की गई। इधर शुक्रवार को मोहारा वार्ड नं. 47 के लोग अपने वार्ड की जनसया को कम करने के विरोध में नगर निगम में धावा बोला। मोहारा वार्ड की पार्षद सरिता प्रजापति व पार्षद प्रतिनिधि तथा पूर्व पार्षद अवधेश प्रजापति के साथ निगम पहुंचे रेमु चन्देल, शिव कुमारी, सरिता निषाद, ललिता, आरती, निर्मला पटेल, नरेश निषाद, धनराज, बलराम देवांगन सहित दर्जनों लोगों ने एसडीएम के नाम निगम में ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मोहारा वार्ड के पुरानी बस्ती को स्टेट हाईवे क्रास कर सिंगदई वार्ड नं. 50 में न जोड़े जावे। पार्षद प्रतिनिधि अवधेश प्रजापति का कहना है कि एक तो वैसे ही उसके वार्ड की जनसंख्या
औसत से कम 2890 है। उसे और कम किया जा कर उसके वार्ड के लोगों को सिंगदई वार्ड नं. 50 में जद किया जा रहा है जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। अवधेश प्रजापति का कहना है कि उनके वार्ड के लोगों को कम किए जाने से परेशानी होगी। किसी व्यक्ति को पार्षद से अपने आय जाति प्रमाण पत्र व राशन कार्ड अथवा अपनी आवश्यक सेवा का कार्य के लिए करवाने हो तो इसके लिए स्टेट हाईवे क्रास का सिंगदई वार्ड पार्षद व पास जाना पड़ेगा। इससे दुर्घटना होने की संभावना है। ज्ञापन में कहा गया है कि शासकीय नियमों के अनुसार परिसीमन में किसी भी वार्ड को स्टेट हाइवे से अलग रख कर ही परिसीमन किया जाना चाहिए। अत: उनके मोहारा वार्ड की जनसंया को और न कम करते हुए सिंगदई वार्ड में न जोड़ा जाए। बहरहाल देखी जाए तो वार्डों की सीमा में बदलाव का असर कांग्रेस-भाजपा के वोट बैंक में पडऩे के पूरे आसार है। इसके लिए अपने- अपने वार्डों के स्तर पर दावा-आपाि देनी शुरू हो गई है। नगर निगम में अभी तक 28 की संया में दावा-आपाियां जमा हो गई है। इसका निराकरण 25 जुलाई तक किया जाएगा।