भूूत – प्रेतों के संग – अघोरी नृत्य, आदिवासी नृत्य , पंथी नृत्य रहे आर्कषण के केन्द्र
राजनांदगांव। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को शहर में श्री चन्द्रमौलेश्वर बाबा महाकाल की धूम धाम के साथ पालकी यात्रा निकली। नंदई हाट बाजार के समीप दोपहर बाद निकली भगवान महाकाल की पालकी यात्रा में महाकाल भक्तों की भीड़ रही। भगवान महाकाल की भक्ति में नाचते झूमते लोग व शंख घडिय़ाल व झांझ बजाते भक्तजन धर्ममय माहौल का सृजन कर रहे थे।
हर भक्तों के मुंह से बोल बाम व जयजय महाकाल का हो रहे उच्चार से पूरा वातावरण शिवोंमय बना रहा। बाजे गाजे के साथ निकली महाकाल की पालकी यात्रा में शिव के गणों का रूप धरे भक्त जन व अघोरी नृत्यय करते कलाकार आकर्षण के केन्द्र बने रहे वही अघोरियों द्वारा डम-डम डमरू निनाद से भक्तों में खासा उत्साह का संचार हो रहा था। यात्रा की अगुवानी महाकाल भक्त नीलू शर्मा सहित पवन डागा, राजू डागा, कोमल सिंह राजपूत, पूर्व महापौर अजीत जैन आदि ने की इस दौरान महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने भगवान महाकाल की पूजा आरती की। इस दौरान मानव देशमुख व अन्य महिलाएं भी उपस्थित थी। इस दौरान भक्त जनों के हाथों में दीप ज्योति की आरती आलोक एक अवर्णनीय दृश्य उपस्थिति कर रहा था।
शिव भक्ति भाव से भर लोग भगवान महाकाल का जयकारा लगाकर माहौल में भक्तिभाव का संचार कर रहे थे। भगवान महाकाल की पालकी यात्रा वे इस बार छाीसगढ़ी संस्कृति की अदभूत छटा बिखरी रही। एक ओर जहां आदिवासी नृत्य लोगों को आकर्षितत कर रहा था। वही दूसरी ओर पंथी नृत्य का मनमोहक डांस भी लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा। इसी तरह महाकाल यात्रा में झांझ की झनकार व ढोल बाजों की तेज आवाज में नृत्य करते भक्त जन लोगों का मन मोह ले रहे थे। खास कर झांझ वादन करती युवतियां लोगों के बीच आकर्षण की केन्द्र बनी रही। महाकाल भक्त पवन डागा भगवान महाकाल की आरती करते हुए घंटी बजाकर नृत्य करते देखे गए।
महाकाल यात्रा में उज्जैन के बाबा महाकाल की प्रतिकृति आकर्षण का केन्द्र बनी रही। बाबा महाकाल की पालकी यात्रा दोपहर बाद हाट बाजार नंदई से धुमधाम के साथ निकलकर प्रमुख मार्गों से होते हुए हमाल पारा स्थित मां लक्ष्मी मंदिर पहुंची जहां वार्ड पार्षद शरद सिन्हा ने भगवान महाकाल की पूजा-आरती की। नगर भ्रमण के दौरान महाकाल की पालकी यात्रा में महाकाल भक्त राजा माखीजा, आलोक बिन्दल आदि सहित बड़ी संया में भक्त जन शामिल रहे। शहर के लोगों में भगवान महाकाल की पालकी यात्रा को कांधा देने में होड़ रही।