रायपुर। छत्तीसगढ़ के 150 मिनी स्टील प्लांट आज रात बंद हो जाएंगे। प्रदेश में बढ़े हुए बिजली दर के विरोध में कारोबारियों ने यह फैसला लिया है। कारोबारियों का कहना है कि बिजली की दरें बढ़ जाने की वजह से उद्योग चलाना मुश्किल है, इसलिए व्यापार बंद करने का फैसला लिया गया है। सरकार से राहत मिलने के बाद ही इन्हें दोबारा शुरू किया जाएगा।
इस मामले में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा इस बारे में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चि_ी लिखी है। इस मामले में वही निर्णय वही करेंगे। वहीं आयरन मैन्युफैक्चरर्स और स्टील उद्योग से जुड़े कारोबारी की रायपुर के एक होटल में आज शाम महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है। इस बैठक में उद्योग बंद होने के बाद की स्थिति को लेकर चर्चा की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में 150 मिनी स्टील प्लांट बंद होने से यहां काम करने वाले करीब 2 लाख कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ेगा। इन उद्योगों से लगभग डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जो ट्रांसपोटेशन और दूसरे कामों को करते हैं। उन पर भी उद्योग बंद होने से प्रभाव पड़ेगा। 300-400 रुपए रोजी पर मजदूरी करने वाले कामगारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो सकता है।
मिनी स्टील प्लांट में तैयार होते हैं ये मटेरियल
मिनी स्टील प्लांट में स्पंज आयरन से वो रॉ मटेरियल तैयार किया जाता है, जिससे टीएमटी, रॉड़, स्टील बार बनाए जाते हैं। इन मिनी स्टील प्लांट में स्पंज आयरन से बिलेट बनाए जाते हैं, जिसके बाद मकान बनाने के लिए लगने वाला सरिया, बिजली के खंभे, जैसे प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। स्टील उद्योग छत्तीसगढ़ में तीन कडय़िों में चलता है, जिसमें पहले कुछ प्लांट स्पंज आयरन बनाते हैं, स्पंज आयरन से बिलेट बनाया जाता है, जो मिनी स्टील प्लांट में बनते हैं। इसके बाद स्टील प्लांट में लोहे के फाइनल प्रोडक्ट रोड तैयार होते हैं।
25 प्रतिशत बिजली की दर बढ़ाने से हो रही परेशानी
मिनी स्टील प्लांट को लगभग 25 प्रतिशत बढ़ी हुई दर पर बिजली का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ गई है। स्टील इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा बिजली खपत मिनी स्टील प्लांट में ही होती है। फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि बिजली की दर बढ़ जाने से फैक्ट्री के बारे कि खर्चों को निकाल पाना संभव नहीं हो रहा। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि पिछले 20 सालों में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि हमें उद्योग बंद करना पड़ रहा हो।