नई दिल्ली। संसद परिसर में पत्रकारों पर एक नई पाबंदी लगाई गई है। अब पत्रकार संसद परिसर के अंदर घूम-घूमकर सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बयान नहीं ले सकेंगे। उन्हें एक शीशे के कमरे से ही संसद के बाहर की गतिविधियों को कवर करना होगा।
पत्रकारों पर पाबंदी का विरोध
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने इस नए नियम का विरोध किया है। उन्होंने पत्रकारों का एक वीडियो एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए इस पाबंदी को हटाने की मांग की है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पत्रकार एक छोटे से कमरे में बैठे हुए हैं और वहां काफी भीड़ है।
क्या है पूरा मामला?
नए संसद भवन के मकर द्वार पर पत्रकार पहले सांसदों की प्रतिक्रिया लेते थे, लेकिन अब उन्हें वहां खड़े होने की अनुमति नहीं है। उनके लिए मकर द्वार के सामने एक शीशे का कमरा बनाया गया है, जहां से वे सांसदों की आवाजाही को कवर करेंगे। इस कमरे में जगह कम होने के कारण पत्रकारों को असुविधा हो रही है।
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने वीडियो साझा कर इस पाबंदी का विरोध किया है और पत्रकारों को अपनी रिपोर्टिंग करने की स्वतंत्रता देने की मांग की है। पत्रकारों पर लगाई गई इस पाबंदी के कारण पत्रकारिता के स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और अन्य पत्रकार संगठन इस प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं ताकि पत्रकार स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकें।