जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटे 5 अगस्त को पांच साल हो जाएंगे. आर्टिकल 370 के हटने की पांचवीं वर्षगांठ पर पाकिस्तान के आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले की फिराक में हैं. खुफिया एजेंसियों की मानें तो ये आतंकी घाटी में अगस्त महीने में आतंकवादी हमला कर सकते हैं. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सीमा पार से आतंकवादियों के मैसेज को डिकोड किया है. मैसेज डिकोड करने से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन आर्टिकल 370 हटने की पांचवीं वर्षगांठ पर जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंक घटना को अंजाम दे सकते हैं.
दरअसल, साल 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था. इसके बाद से जम्मू-कश्मीर में लगातार विकास योजनाएं प्रगतिशील हैं. साथ ही केंद्र सरकार आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी कराने जा रही है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और सेना इसी वजह से बेहद नाराज है. इसलिए पाकिस्तान घाटी का माहौल बिगाड़ने के लिए आतंकवाद का सहारा ले रहा है. वे चाहते हैं कि कश्मीर में किसी तरह चुनाव न हो.
खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक, इस साल केंद्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण के दिन यानी 9 जून को ही आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले शुरू कर दिए थे. इसके बाद आतंकियों ने आतंकवादी बुरहान वानी की बरसी (8 जुलाई) को भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदात की थी. इन घटनाओं के बाद से खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की ओर से भारत आने वाले संदेशों पर लगातार निगाह रखना शुरू कर दिया था. इसके मुताबिक, अब पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकवादी कार्रवाई करने की फिराक में हैं.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादियों से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वह अगस्त महीने में हर संभव बड़ी वारदात करने की कोशिश करें. पाकिस्तानी आकाओं ने साफ कहा है कि चाहे सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकना हो, सैनिक ठिकानों पर आत्मघाती हमला करना हो या फिर निर्दोष आम नागरिकों की हत्या करना हो, इस महीने में जम्मू कश्मीर में किसी भी कीमत पर कोहराम मचाना है.
आर्टिकल 370 के हटने के बाद से आतंकवादी संगठन हर साल बड़ी वारदात करने की कोशिश में रहते हैं लेकिन इस साल पांचवीं वर्षगांठ है. जम्मू कश्मीर में चुनाव की हलचल भी इसी महीने से शुरू हो रही है. लिहाजा आतंकवादी संगठनों को कुछ भी कहीं भी करने के निर्देश दिए गए हैं. ध्यान रहे कि अगस्त के पहले सप्ताह में ही चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक करने जा रहा है और इसी महीने जम्मू कश्मीर में चुनाव को लेकर तिथि भी घोषित की जा सकती है.