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सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कटौती के ऐलान के बाद इसकी कीमतों में लगातार आ रही गिरावट

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सोने-चांदी के भाव में उछाल दर्ज किया गया है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या गोल्ड खरीदने का बेस्ट टाइम आ गया है या फिर कीमत कम होने का इंतजार करना चाहिए?

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों में सोमवार को उच्च स्तर पर कारोबार हुआ. जुलाई में एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बावजूद एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि हालिया गिरावट खरीदारी का अवसर हो सकती है.

आज गोल्ड की कीमतें
एमसीएक्स पर सोने की कीमत 249 रुपये (0.37 फीसदी) बढ़कर 68,435 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 684 रुपये (0.84 फीसदी) बढ़कर 82,055 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. इंटरनेशनल लेवल पर हाजिर सोना 0.4 फीसदी चढ़कर 2,394.88 डॉलर प्रति औंस हो गया और अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.5 फीसदी बढ़कर 2,393.20 डॉलर हो गया.

सोने की कीमतों में हालिया गिरावट
केंद्रीय बजट 2024 में कस्टम ड्यूटी में कटौती के ऐलान और चीन में डिमांड पर चिंताओं के कारण पिछले सप्ताह भारत में सोने की कीमतों में गिरावट आई. इसके अलावा उम्मीद से बेहतर अमेरिका के दूसरी तिमाही के जीडीपी और बेरोजगारी डेटा ने सोने की दरों पर दबाव डाला.

पॉजिटिव फैक्टर्स से सोने की कीमतों में उछाल की उम्मीद
एनालिस्ट को उम्मीद है कि शॉर्ट कवरिंग और वैश्विक और घरेलू स्तर पर कई पॉजिटिव फैक्टर्स से सोने की कीमतों में उछाल आएगा. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री ने कहा कि सोने और चांदी की कीमतों में शुक्रवार को वोलैटिलिटी देखी गई, जो क्रमशः एक महीने और 3 महीने के निचले स्तर से उबर गई. उन्होंने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर में कटौती की उम्मीद और शॉर्ट कवरिंग ने लोअर लेवल पर सपोर्ट दिया.

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने मिंट को बताया कि सोने की कीमतों को सपोर्ट करने वाले प्रमुख फैक्टर्स में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें, कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, ग्लोबल जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ना और घरेलू बाजारों में बढ़ती फिजिकल डिमांड शामिल हैं.

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