शेयरों पर कैपिटल गेन टैक्स से सरकारी खजाने को मोटी कमाई प्राप्त होती है. इस टैक्स से होने वाली सालाना कमाई पहले ही 1 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुकी थी. अब सरकार ने बजट में कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाने को प्रस्ताव किया है, जिससे सरकारी खजानी के और भरने की उम्मीद है.
सरकार ने बताया कितनी हुई कमाई
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में कैपिटल गेन टैक्स से सरकार को होने वाली कमाई के आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में लिस्टेड इक्विटीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से सरकार को 98,681 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. यह साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 में लिस्टेड इक्विटीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से हुई कमाई की तुलना में करीब 15 फीसदी ज्यादा है.
2018 से लग रहा है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
भारत में शेयरों अैर शेयर ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर अप्रैल 2018 से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग रहा है. अभी तक इस टैक्स की दर 10 फीसदी थी. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिनों बजट पेश करते हुए इसे बढ़ाकर 12.50 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है. अभी सालाना 1 लाख रुपये तक के कैनिटल गेन पर टैक्स नहीं लगता है. यानी किसी साल के दौरान 1 लाख से ज्यादा का कैपिटल गेन होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की देनदारी बनती है. इस बजट में छूट की लिमिट को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
होल्डिंग पीरियड को लेकर हुआ ये बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में कैपिटल गेन टैक्स को लेकर कई बदलावों का प्रस्ताव किया. उनमें लिस्टेड इक्विटीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दरें बढ़ाने और टैक्स से छूट प्राप्त सालाना कमाई की लिमिट बढ़ाना भी शामिल है.
बदलावों से बढ़ने वाली है सरकार की कमाई
एनालिस्ट मान रहे हैं कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में किए गए बदलाव से सरकार की कमाई बढ़ने वाली है. इंडेक्सेशन के फायदे को समाप्त करने से निवेशकों को निवेश पर मिलने वाला महंगाई से जुड़ा फायदा समाप्त हो जाएगा. इससे उनके ऊपर ज्यादा टैक्स की देनदारी बनेगी. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दरें बढ़ाने से भी बोझ बढ़ेगा. वहीं होल्डिंग पीरियड बढ़ाने और कमाई की लिमिट अधिक करने से कुछ निवेशकों को फायदा भी होगा.