भारत सरकार ने एक बार फिर चीनी कंपनियों पर स्ट्राइक की है. आने वाले 3 महीनों में लगभग 400 चीनी कंपनियां बंद हो सकती हैं. इन कंपनियों पर अवैध तरीके से काम करने के आरोप लगे हैं. दरअसल, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने 17 राज्यों में चीनी कंपनियों को ऑनलाइन लोन और जॉब्स के क्षेत्र में शामिल होने के आरोप में अगले तीन महीनों में बंद करने का फैसला किया है. यह फैसला 17 राज्यों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में लागू होगा. मनीकंट्रोल ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है.
एमसीए ने इन कंपनियों पर उनकी स्थापना और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच की है. इसके साथ ही, 30-40 अन्य चीनी कंपनियों, जिनमें मोबाइल स्क्रीन और बैटरी निर्माता शामिल हैं, की जांच का भी आदेश दिया गया है. एक अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, “लगभग 600 चीनी कंपनियों की जांच पूरी हो चुकी है. इसमें से 300-400 कंपनियों को बंद किया जाएगा. इनमें लोन ऐप्स और ऑनलाइन जॉब कंपनियां शामिल हैं.”
क्यों इन चीनी कंपनियों को बंद करने की है योजना?
एमसीए ने उन लोन ऐप्स की जांच की है, जो उधार लेने वालों को प्रताड़िता करने वाली प्रैक्टिस, धोखाधड़ी या वित्तीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में शामिल हैं. डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के भारत में बढ़ते उपयोग के कारण इनकी जांच की गई, जिनमें से कुछ चीनी कंपनियों से जुड़े हैं. इन कंपनियों पर अत्यधिक ब्याज दरों और उधार लेने को परेशान करने के आरोप लगाए गए हैं.
कुछ कंपनियों में एक भारतीय डायरेक्टर होता है, लेकिन उनका बैंक अकाउंट चीन में होता है और कोई लेनदेन दर्ज नहीं होता है. कुछ मामलों में, कंपनियां अपने पंजीकृत कार्यालयों पर उपलब्ध नहीं होती हैं. कुछ अन्य मामलों में, निवेश तो है, लेकिन वे अन्य व्यवसायों में लगे हुए हैं, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी का संकेत मिलता है.
तीन महीनों में पूरी होती है प्रक्रिया
कंपनियों को बंद करने की प्रक्रिया कंपनी अधिनियम की धारा 248 के तहत 3 महीनों में होती है, जिसमें पहले एक नोटिस भेजा जाता है, उन्हें जवाब देने का समय दिया जाता है. एक महीने के बाद, दूसरा नोटिस भेजा जाता है. यदि तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो कंपनी को बंद कर दिया जाता है.
चीनी ऐप्स पर पहले भी हुई स्ट्राइक
इससे पहले भी भारतीय सरकार ने ऐसे कड़े कदम उठाए हैं. 2020 में, टिकटॉक और वीचैट सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया था. ये ऐप्स डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित चिंताओं के कारण प्रतिबंधित किए गए थे. इसी तरह 2021 में 43 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया था.
इन घटनाओं से पता चलता है कि भारतीय सरकार चीनी कंपनियों और ऐप्स की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है, और राष्ट्रीय सुरक्षा, डेटा सुरक्षा, और उपभोक्ता संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है. इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि सरकार वित्तीय धोखाधड़ी और गलत बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, विशेषकर उन मामलों में जहां विदेशी तत्व शामिल हैं.