बांग्लादेश में जारी हिंसा ने गुजरात के व्यापारियों और व्यवसायियों को बड़ा झटका दिया है. गुजरात के व्यापारियों के ₹1,200 करोड़ बांग्लादेश में हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार के ठप होने के कारण अटका हुआ है. देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारतीय व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होगी और फिर से व्यापार चालू होगा. गुजरात से बांग्लादेश को रिएक्टिव डाईज, केमिकल्स, पिगमेंट पेस्ट, हैंडलूम उत्पाद, APIs, दवाईयां और टाइल्स का निर्यात किया जाता है.
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोप में मंदी के बाद बांग्लादेश डाईज, केमिकल्स और इंटरमीडिएट्स जैसे सामानों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गया था. लेकिन, बांग्लादेश में भड़की हिंसा और सत्ता परिवर्तन ने एक बार फिर व्यापार पर ग्रहण लगा दिया है. गुजराती व्यापारियों को चिंता है कि बांग्लादेशी बैंकों द्वारा जारी लेटर्स ऑफ क्रेडिट वर्तमान में वहाँ की भारत विरोधी भावना के कारण सम्मानित (honored) नहीं किए जाएंगे.
14 अरब डालर का होता है व्यापार
अहमदाबाद मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष शैलेश पटवारी का कहना है कि भारत और बांग्लादेश के बीच 2023 में 14 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. जिसमें भारत ने 12.2 अरब डॉलर मूल्य का का निर्यात किया और 1.8 अरब डालर का आयात हुआ. इस वर्ष व्यापार और बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल ने अब इस पर ग्रहण लगा दिया है.
हालांकि कुछ व्यापारियों को हालात जल्द सुधरने की भी उम्मीद है. उनका कहना है कि बांग्लादेशी कंपनियां आमतौर पर सिर्फ 15 दिनों का ही स्टॉक रखती हैं. अंतरिम सरकार बन चुकी है. भारत पर अत्यधिक निर्भरता के कारण बांग्लादेश को जल्द व्यापार खोलना होगा.
बांग्लादेश में मची उथल-पुथल का सूरत के कपड़ा व्यापार को सबसे ज्यादा झटका लगा है. करीब 500 करोड़ का कपड़ा कारोबार प्रभावित हुआ है. सूरत से पिछले साल 1200 करोड़ रुपए का कपड़ा बांग्लादेश को एक्सपोर्ट किया गया था. सूरत से प्रति माह 500 करोड़ से अधिक का कपड़ा कोलकाता जाता है. इसमें से करीब 50 फीसदी यानी 250 करोड़ का माल बांग्लादेश पहुंचता है. सूरत के करीब 700 व्यापारी वाया कोलकाता बांग्लादेश से व्यापार है. इनका करीब 100 करोड़ से अधिक की पेमेंट अटक गई है.