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विनेश फोगाट से सीखा सबक, अमन सेहरावत ने 10 घंटे में ही घटा लिया था 4.6 किलो वजन, फिर पेरिस ओलंपिक में जीता मेडल

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एक ओर जहां विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किलो कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल से महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गईं, वहीं पुरुषों के 57 किलो भार वर्ग में अमन सेहरावत ने 10 घंटे में 4.5 किलो वजन घटाकर कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल कर ली. गुरुवार को सेमीफाइनल में हार के बाद अमन सेहरावत का वजन 61.5 किलोग्राम था. जो पुरुषों के 57 किलोग्राम में स्वीकार्य सीमा से ठीक 4.5 किलोग्राम ज्यादा था. लेकिन अगले 10 घंटों में उन्होंने अपने भारतीय कोचों के साथ अथक परिश्रम करके 4.6 किलोग्राम वजन घटाया.

छह सदस्यों वाले कुश्ती दल से जुड़े दो वरिष्ठ भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया के पास अब केवल एक ही ‘मिशन’ था. विनेश फोगट के साथ जो हुआ, उसके बाद वे एक और झटका बर्दाश्त नहीं कर सकते थे. जो अब दूसरे दिन के वजन में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण महिलाओं के 50 किलोग्राम फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं. गौरतलब है कि महज 21 साल के अमन शाम करीब 6.30 बजे जापान के री हिगुची के खिलाफ सेमीफाइनल हार गए. मगर भारतीय दल के पास बर्बाद करने के लिए कोई समय नहीं था.

अमन ने 10 घंटे लगातार बहाया पसीना
‘मिशन’ की शुरुआत डेढ़ घंटे के मैट सेशन से हुई, जिसमें दो वरिष्ठ कोचों ने उसे खड़े होकर कुश्ती करवाई. उसके बाद एक घंटे का हॉट बाथ सेशन हुआ. रात 12.30 बजे वे जिम गए, जहां अमन ने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई. पसीना बहाने से वजन कम करने में मदद मिली. फिर उनको 30 मिनट का ब्रेक दिया गया, उसके बाद 5 मिनट के सौना बाथ के पांच सेशन हुए. आखिरी सेशन के अंत तक अमन का वजन अभी भी 900 ग्राम ज्यादा था. फिर उनको मसाज दी गई और फिर कोचों ने छतरसाल के प्रशिक्षु को हल्की जॉगिंग करने को कहा. इसके बाद पांच 15 मिनट के रनिंग सेशन हुए. सुबह 4.30 बजे तक अमन का वजन 56.9 किलोग्राम था. जो तय वजन से 100 ग्राम कम था. इसके बाद कोचों और पहलवान ने राहत की सांस ली.

मेहनत तब रंग लाई
इन सेशन के बीच में अमन को नींबू और शहद के साथ गुनगुना पानी और थोड़ी सी कॉफी पीने को दी गई. उसके बाद अमन सो नहीं पाया. कोच दहिया ने कहा कि ‘मैंने पूरी रात कुश्ती मुकाबलों के वीडियो देखे. हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे. हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं.’ दहिया ने कहा कि ‘वजन कम करना हमारे लिए सामान्य बात है, लेकिन पिछले दिन विनेश के साथ जो हुआ, उसके कारण तनाव था, बहुत तनाव था. हम एक और पदक नहीं गंवा सकते थे.’ सारी मेहनत तब रंग लाई जब अमन ने शुक्रवार को प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को हराकर कांस्य पदक जीता और भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता बन गए.