सरकार ने महंगाई के ताजा आंकड़े जारी कर दिए हैं. 12 जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर करीब पांच साल के निचले स्तर 3.5 प्रतिशत पर आ गई. महंगाई में यह गिरावट बेहतर बेस इफेक्ट की वजह से आई है. जुलाई 2023 में उपभोक्ता महंगाई दर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जुलाई-सितंबर 2024 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के 4.4 प्रतिशत महंगाई दर के अनुमान की तुलना में महंगाई दर में गिरावट आश्चर्यजनक हो सकती है. केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 25 के लिए कुल महंगाई दर के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर रखा है. हालांकि, इसने वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के लिए 3.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत महंगाई दर का अनुमान लगाया है.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को घरों में महंगाई की बढ़ती उम्मीदों पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट मौद्रिक रुख में बदलाव का कारण नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 अगस्त को अपनी नीतिगत बैठक में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था.
देश का औद्योगिक उत्पादन जून के महीने में खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन की वजह से 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. पिछले साल जून में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही थी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून के महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 3.5 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन अवधि में खनन क्षेत्र 10.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत रही. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून अवधि में देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही जो पिछले साल की समान तिमाही के 4.7 प्रतिशत से अधिक है.