छत्तीसगढ़ में फिलहाल मानसून पर ब्रेक लग गया है. मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल कोई बड़ा सिस्टम एक्टिव न होने से राज्य में मौसम साफ रहेगा. कई जिलों का तापमान भी बढ़ गया है. आने वाले एक दिनों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है. हालांकि, कांकेर में भारी बारिश के चलते 35 गांव टापू में बदल गए हैं. यहां लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, समुद्र से आने वाली नमी केवल राज्य के उत्तरी हिस्से में ही प्रवेश कर रही है. इसका प्रदेश के दक्षिणी और मध्य हिस्से पर कोई असर नहीं है. इसलिए इन जगहों पर पानी गिरने के आसार नजर नहीं आ रहे. राजधानी रायपुर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है.
मौसम विभाग का कहना है कि सबसे ज्यादा पानी बलरामपुर जिले के रामानुजनगर में गिरा. यहां 400 मिमी पानी बरसा है. इसके अलावा रामचंद्रपुर में 30 मिमी पानी गिरा. वाड्रफनगर, लोरमी, प्रेमनगर और मनेंद्रगढ़ में 20-20 मिमी पानी गिरा. इसके अलावा राज्य के कई शहरों में रिमझिम बारिश हुई. मौसम विभाग का कहना है कि दो से तीन बाद प्रदेश में मौसमी सिस्टम एक्टिव होते दिखाई दे रहे हैं. इसकी वजह से की जगह गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है.
कांकेर में हालात खराब
गौरतलब है कि, कांकेर जिले में भारी बारिश के कारण नदी-नालों में उफान है. इसके चलते यहां के 35 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. बता दें, हर साल यहां रहने वालों को 3-4 महीने नदी पार करने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ती है. उफनती कुटरी नदी को पार करना उनकी मजबूरी है. जरूरी कामों या इमरजेंसी में ग्रामीणों के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. ग्रामीण महिलाओं और उनके साथ छोटे बच्चों को भी इसी तरह नदी पार करनी पड़ती है. गौरतलब है कि, नदी पार करते वक्त कई बार हादसे भी हो चुके हैं. इसमें लोगों की जान भी जा चुकी है. इन क्षेत्रों में सड़कें नहीं हैं. नदी पर पुल बनाने की जरूरत है. लेकिन, नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से यहां विकास काम धीमा है.