Home देश दिल्ली ट्रांसफर हो सकता है उन्नाव रेप मामला, सीबीआई से मांगा ब्यौरा

दिल्ली ट्रांसफर हो सकता है उन्नाव रेप मामला, सीबीआई से मांगा ब्यौरा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव मामले से जुड़े सभी मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर करने की मंशा जताई है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई के किसी जिम्मेदार अधिकारी को मुकदमों के ब्यौरे के साथ आज ही 12 बजे पेश होने को कहा। चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर सीबीआई अधिकारी ओपन कोर्ट में जांच की डिटेल नहीं बता सकते तो हम चैम्बर में सुनेंगे।

पिछले 31 जुलाई को वरिष्ठ वकील वी गिरि ने इस मामले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा था कि हमें अखबारों की खबर से ये पता चला है कि रेप पीड़िता के परिजनों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। लेकिन उन्हें अभी यह पत्र नहीं मिला है। इस पर चीफ जस्टिस ने इस पत्र पर आज सुनवाई करने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि पत्र के संबंध में पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें कि आखिर पत्र को उनके समक्ष पेश करने में देरी क्यों हुई।

पिछले 12 जुलाई को रेप पीड़िता के परिवार की ओर से लिखे गए इस पत्र में बताया गया है कि कैसे आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोगों की ओर से उन्हें केस वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। पत्र में बताया गया है कि पिछले 7 जुलाई को सुबह लगभग 9 बजे एक कार से आरोपित शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, आरोपित कुलदीप सिंह के भाई मनोज सिंह और कुन्नु मिश्रा और दो अज्ञात व्यक्ति के साथ उनके दरवाजे पर कार से आए और धमकी दी कि उन्होंने जज खरीदकर कुलदीप सिंह और शशि सिंह की जमानत मंजूर करवा ली है। उन लोगों ने पीड़ित परिवार को धमकी दी कि उन्हें फर्जी मुकदमे में जेल में डालकर सड़ा देंगे, इसलिए अभी भी समय है कि सुलह कर लो।

पत्र में लिखा गया है कि इस घटना के एक दिन बाद 8 जुलाई को दस बजे दिन में शशि सिंह के पति हरिपाल सिहं पीड़ित परिवार के घर गए और धमकी दी कि उपरोक्त मुकदमो में सुलह लगा दो नहीं तो पूरे परिवार को फर्जी मुकदमे में जेल में डलवा देंगे। पत्र के साथ पीड़ित परिवार ने आरोपितों के कार से उनके घर आने का वीडियो और हरिपाल सिंह की फोटो भी लगाई है। पत्र में मांग की गई है कि माखी थाने के प्रभारी निरीक्षण को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।

यह पत्र चीफ जस्टिस के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, यूपी के प्रमुख सचिव, डीजीपी, लखनऊ रेंज के डीआईजी और सीबीआई को भी भेजा गया था।

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