कॉरपोरेट जॉब करते हैं या फिर सरकारी नौकरी है, आपको नियोक्ता की ओर से सैलरी अकाउंट खुलवाने का ऑप्शन दिया जाता है. जिनके पास भी यह खाता है, उन्हें इसके फायदे भी पता होंगे. लेकिन, क्या आपको पता है कि आपका सैलरी अकाउंट (Salary Account) एक सामान्य बचत खाते (Saving Account) में बदल सकता है. अगर आपसे एक गलती हो गई तो बैंक बिना आपको पूर्व सूचना दिए ही सैलरी अकाउंट को बचत खाते में बदल सकते हैं और इसके साथ ही आपको इस पर मिलने वाली सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी. इतना ही नहीं साधारण बचत खाते पर हर महीने लगने वाली मिनिमम बैलेंस की पेनाल्टी भी बैंक वसूलना शुरू कर देंगे.
दरअसल, अभी छंटनी का दौर चल रहा है और आपने भी तमाम ऐसी खबरें पढ़ी होंगी, जहां कंपनियों ने अपनी लागत या घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जाहिर है कि इन कर्मचारियों के खाते में सैलरी आनी भी बंद हो गई होगी. ऐसी स्थिति में अगर दूसरी नौकरी जल्दी नहीं मिलती है तो उनके सैलरी अकाउंट की सुविधाएं बैंक बंद कर देंगे.
कब बदल जाता है सैलरी अकाउंट
बैंकिंग नियमों के तहत अगर आपके सैलरी अकाउंट में लगातार 3 महीने तक वेतन नहीं आता है तो बैंक इसे साधारण बचत खाते में बदल सकते हैं. इसके साथ ही आपको इस पर मिलने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा. हालांकि, अगर आप खुद चाहें तो भी अपने सैलरी अकाउंट को साधारण सेविंग अकाउंट में चेंज करा सकते हैं. लेकिन, ध्यान रखें कि इसके साथ ही सैलरी अकाउंट की सभी सुविधाएं खत्म कर दी जाएंगी.
क्या होगा नुकसान
सैलरी अकाउंट का बचत खाते में बदल जाना आपके लिए एक झटका साबित हो सकता है. ज्यादातर सैलरी अकाउंट जीरो बैलेंस पर खोले जाते हैं, जहां आपको मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होगी और न ही बैंक इस पर कोई पेनाल्टी लगाते हैं. जैसे ही आपको खाता सामान्य बचत खाते में बदलता है तो इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत होगी और उसे मेंटेन नहीं करने पर पेनाल्टी का सामना करना पड़ेगा.
फ्री मिलती हैं ये सुविधाएं
जीरो बैलेंस अकाउंट के साथ सैलरी अकाउंट में और भी सुविधाएं मिलती हैं. इसमें फ्री चेक बुक, पासबुक, ई-स्टेटमेंट, बिना फीस के डेबिट कार्ड, फोन बैंकिंग, ऑनलाइन फंड ट्रांसफर, डीमैट खाता और सुविधा, लोन की सुविधा और क्रेडिट कार्ड का ऑफर मिल जाता है. अगर आपका खाता सेविंग अकाउंट में बदल जाएगा तो इन सुविधाओं के लिए बैंक शुल्क वसूलना शुरू कर देंगे. इसके अलावा सैलरी अकाउंट पर आपको सालाना 3 से 6 फीसदी तक ब्याज मिलता है. हालांकि, ज्यादातर सेविंग अकाउंट पर भी आपको इतना ब्याज मिल जाएगा.