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चीन पर ‘अंग्रेजों’ ने कसा फंदा, बुरी तरह छटपटा रहे जिनपिंग, दादागिरी करने वाले अब दे रहे हैं नियमों की दुहाई

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यूरोपियन यूनियन के एक फैसले से चीन को मिर्ची लग गई है. चीन के अधिकारी और उद्योग जगत के लोग यूरोपियन यूनियन पर भड़क गए. दरअसल ईयू ने एक नया ड्राफ्ट रिलीज किया है जिसमें चाइनीज इलेक्ट्रिक व्हीकल के खिलाफ जांच करने की बात कही गई है. यह बात चीन को बुरी तरह चुभ गई. चीन ने कहा कि यूरोपीय संघ का यह फैसला चीन और यूरोपिनय यूनियन के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को गंभीर रूप से कमजोर करता है. क्योंकि, इस फैसले से यूरोपियन यूनियन के बाजार में चीनी की कंपनियों के प्रति विश्वास में कमी आएगी.

एक्सपर्ट्स ने कहा कहा कि यूरोपीय यूनियन का यह ऐलान, जिसमें चाइनीज इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माताओं के खिलाफ भारी टैरिफ दरें शामिल हैं, ने विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से दोनों पक्षों के बीच चल रही बातचीत में और भी ज्यादा मुश्किलें पैदा कर दी हैं.

चीन की जवाबी कार्रवाई

इस बीच, चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने बुधवार को चीन के घरेलू उद्योग के अनुरोध पर यूरोपीय संघ के कुछ डेयरी उत्पादों की जवाबी जांच शुरू की. चाइनीज एक्सपर्ट्स ने कहा कि घरेलू उद्योग के आवेदन और WTO नियमों के अनुसार शुरू की गई यह जांच उचित है. हालांकि, यह EC की संरक्षणवादी जांच से पूरी तरह अलग है जो WTO नियमों का उल्लंघन करती है.

EU का फैसला नियमों के खिलाफ

यूरोपियन यूनियन ने चीनी ईवी निर्माताओं के खिलाफ 36.3 प्रतिशत की अधिकतम टैरिफ दर बनाए रखने का फैसला किया, जबकि चीन में टेस्ला द्वारा निर्मित ईवी पर यह दर 9 प्रतिशत है. इस फैसले से नाराज कई चीनी मंत्रालयों और उद्योग समूहों ने इस कदम की निंदा की है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने ईसी की जांच को संरक्षणवाद और राजनीति से प्रेरित कार्रवाई कहा. उन्होंने कहा कि ईसी की यह जांच तथ्यों की अनदेखी और डब्ल्यूटीओ के नियमों के खिलाफ है.