अरब सागर से लेकर हिन्द महासागर में बंगाल की खाड़ी तक लम्बे चौड़े फैली भारत की समुद्री सीमा की रक्षा करने के लिए एक मजबूत और फुर्तीली नौसेना आवश्यक है. अरब सागर और हिंद महासागर जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे ‘अड़ियल दुश्मनों’ की नकेल कसने वाला इंजन भारतीय नेवी को देने का काम यूक्रेन की एक कंपनी करती है. इस कंपनी का नाम ज़ोर्या मैशप्रोक्ट (Zorya Mashproekt) है, जो मरीन और इंडस्ट्रियल गैस टर्बाइन इंजन बनाने में महारत रखती है. इन्हीं की बनाई मशीनों और इंजनों के माध्यम से जल सेना को लगातार पावर मिलती है.
ज़ोर्या मैशप्रोक्ट यूक्रेनी की एक बड़ी कंपनी है. समुद्री और औद्योगिक गैस टर्बाइन इंजन के डिजाइन और निर्माण में इसका बड़ा नाम है. यह मुख्य रूप से नौसेना के जहाजों में इस्तेमाल होने वाले गैस टर्बाइन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें प्रोपल्शन सिस्टम और पावर जेनरेशन शामिल है. कंपनी युद्धपोतों के लिए गैस टर्बाइन इंजन की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इसकी बनाई गई मशीनों को उनकी दक्षता और विश्वसनीयता के लिए अत्यधिक माना जाता है, जो सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
क्यों जरूरी हैं गैस टर्बाइन?
युद्धपोतों में फ्रिगेट और विध्वंसकों (Destroyers) के इस्तेमाल के लिए गैस टर्बाइनों का होना अति जरूरी है. ये गैस टर्बाइन नौसेना के जहाजों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये उन्हें ऑपरेट करने के लिए आवश्यक स्पीड, फुरती और शक्ति प्रदान करते हैं.
ज़ोर्या मैशप्रोक्ट के उन्नत गैस टर्बाइन इंजनों के साथ भारतीय नौसेना अपने संभावित प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले टेक्नोलॉजी में बढ़त बनाए रख सकती है. किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसके जरिए भारत खुद की रक्षा हेतु तगड़ा रह सकता है. इसके रहने से संघर्ष की स्थिति में तेजी से और निर्णायक फैसले ले सकने में सक्षम होगा.
विश्वसनीय और शक्तिशाली गैस टर्बाइन यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय युद्धपोत हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार रहें, जो पड़ोसी देशों से किसी भी खतरे के खिलाफ अलर्टनेस की स्थायी स्थिति बनाए रखने के लाजिमी है.
भारत फोर्ज (Bharat Forge) ने इसी साल जनवरी में घोषणा की थी कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स (KSSL) ने ज़ोर्या मैशप्रोक्ट इंडिया (ZMI) में 66.24% हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है.
रोल्स-रॉयस भी करती है यही काम
हालांकि गैस टर्बाइन इंजन बनाने और भारत को सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी कंपनी ज़ोर्या मैशप्रोक्ट है, लेकिन कुछ और कंपनियां भी हैं, जो इस काम में लगी हुई हैं. किसी एक कंपनी पर पूरी तरह निर्भर रहना भी रणनीतिक तौर पर सही नहीं, इसलिए अन्य कंपनियों से भी इस क्षेत्र में सेवाएं ली जाती हैं. उन कंपनियों की डिटेल यहां नीचे दी गई है-
1. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL): यह कंपनी मुख्य रूप से हवाई जहाजों के लिए इंजन बनाती है, लेकिन यह दूसरी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर जहाजों के लिए भी इंजन तैयार करती है.
2. जनरल इलेक्ट्रिक (GE) (अमेरिका): यह कंपनी भारतीय नौसेना के कई जहाजों के लिए इंजन प्रदान करती है. इन इंजनों की मदद से नौसेना के युद्धपोत अधिक ताकतवर और तेज होते हैं.
3. रोल्स-रॉयस (यूके): यह कंपनी भी भारतीय नौसेना के जहाजों, खासकर बड़े युद्धपोतों के लिए गैस टर्बाइन इंजन बनाती है.