रायपुर। तोता पालना पूरी तरह गैर कानूनी है। वन अधिनियम के तहत भारतीय प्रजाति किसी भी तोते को पिंजरे या घर में नहीं रख सकते है, यह प्रतिबंधित है। घर पर पिंजरे में रखे हुए पाए जाने पर जेल जाना पड़ सकता है। इसके अलावा जुर्माना भी हो सकता है।
वन अफसरों के अनुसार छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में तोता पालन गैर कानूनी है। तोते को संरक्षित वर्ग में शामिल भी किया गया है। वन विभाग ने तोते की प्रजातियों व उनके वंशजों को सुरक्षित रखने के लिए तोता पालन, खरीदी, बिक्री पर रोक लगा दी है। इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए टीम बनाई जा रही है।
वन्य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 के तहत वन्य प्राणी और संकट ग्रस्त प्राणियों की पहचान की गई है। ऐसी प्राणियों को संरक्षित सूची में स्थान दिया गया है। इस सूची में तोता भी शामिल है। तोते की करीब 11 प्रजातियां हैं। तोते की रंग, शारीरिक बनावट व लंबाई और उनकी पैरों की नाखून की साइज के मुताबिक पहचान की गई है।
जानिये…क्या है सजा का प्रावधान
तोता पालन करते हुए पाए जाने पर वन्य अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसमें सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। तोते की प्रजातियों को अनुसूचि-1 में शामिल किया गया है। इन प्रजातियों को संरक्षित करना शासन की जिम्मेदारी है। देशी पक्षियों को पालन करना प्रतिबंधित है। घर के आसपास उड़ने वाले पक्षियों को कैद नहीं कर सकते हैं। प्रकृति वातावरण में रहने वाली पक्षियों को पालन करना प्रशु क्रूरता के अंतर्गत आता है।
पक्षी पालने के लिए अनुमति जरुरी
वन अफसरों के अनुसार विदेशी पक्षियों को पालने के लिए भी वन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। कौन-कौन सी पक्षियों का पालन करना है, नाम सहित जानकारी देनी पड़ती है। सूची की जांच करने के बाद वन अफसर अनुमत्ति प्रदान करते हैं। बगैर अनुमति लिए विदेशी पक्षी का पालन करना भी कानून के खिलाफ है।