इजरायल ने हाल ही में ईरान में घुसकर अपने दुश्मन नंबर-1 हमास लीडर इस्माइल हानिया को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद जब ईरान ने जवाबी एक्शन का प्लान बनाया तो अमेरिका ने अपनी वॉर शिप को मैदान में उतार दिया. अब ईरान साइबर वॉर के जरिए अमेरिका से इसका बदला लेने का प्लान बना रह है. ईरान के हैकिंग ग्रुप ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव प्रचार को निशाना बनाया. दोनों नेताओं के ऑफिस के कर्मचारियों के व्हाट्सएप अकाउंट को निशाना बनाया है. मेटा की तरफ से बताया गया कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के राष्ट्रपति पद के कैंपेन के बीच यह अटैक किया गया है.
मेटा का कहना है कि उनकी टीम ने उन हैकर्स के नेटवर्क का पता लगा लिया है, जिन्होंने संदिग्ध व्हाट्सएप संदेश प्राप्त करने वाले व्यक्तियों द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद खुद को माइक्रोसॉफ्ट, याहू और गूगल सहित अन्य सर्च इंजन कंपनियों के लिए तकनीकी सहायता एजेंट के रूप में पेश किया था. मेटा की जांच टीम ने गतिविधि को उसी नेटवर्क से जोड़ा, जिससे ट्रम्प के अभियान के दौरान रिपोर्ट की गई हैकिंग घटना के लिए दोषी ठहराया गया था.
FBI भी हैरान
अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. डोनाल्ड ट्रंप के सामने इन चुनावों में कमला हैरिस की चुनौती है. ईरान के हैकर्स चुनाव अभियान को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एफबीआई ने हाल ही में कहा था कि ईरान द्वारा ट्रम्प के चुनाव अभियान को हैक करने की कोशिश की थी. साथ ही कुछ ऐसी ही कोशिया जो बाइडेन और कमला हैरिस के चुनाव प्रचार के दौरान भी हुई.
मेटा ने क्या दी सफाई?
मेटा की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि हैकर्स ने मिडिल-ईस्ट, अमेरिका और यूके के लोगों के साथ-साथ ट्रम्प और बिडेन प्रशासन से जुड़े अज्ञात राजनीतिक और राजनयिक अधिकारियों के व्हाट्सएप अकाउंट को टार्गेट करने की कोशिश की गई थी. कंपनी ने कहा खातों के एक छोटे समूह को ब्लॉक कर दिया गया है. मेटा ने कहा, “हमें ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि टार्गेट किए गए लोगों के व्हाट्सएप खातों से छेड़छाड़ की गई हो. हालांकि सावधानी बरतते हुए हम अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक रूप से साझा कर रहे हैं. साथ ही कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों और हमारे उद्योग से जुड़े लोगों के साथ यह जानकाीर शेयर की जा रही है.”