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मुठभेड़ में मारे गए एरिया कमिटी के सचिव ने कम उम्र में ही रचा ली थी शादी , कर लिया था जंगल मे रहने का फैसला

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राजनांदगांव। महारष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में बागनदी के सीतागोटा-शेरपार पहाड़ी में हुए मुठभेड़ में मारे गए दर्‌रेकसा एरिया कमेटी के सचिव सुखदेव और पत्नी परमिला की शिनाख्ती पूरी कर ली गई है। दोनों सुकमा जिले के किस्टारम और उइराज गांव के रहने वाले हैं। मंगलवार को दोनों के परिजन शव लेने राजनांदगांव पहुंचे थे। परिजनों ने बताया कि महज 15 साल की उम्र में ही सुखदेव और परमिला घर छोड़कर जंगल में नक्सली संगठन से जुड़ गए। कई बार उन्हें घर लौटने कहा गया, पर वो कभी मानें ही नहीं। सुखदेव तो जंगल में ही लड़ते हुए मरने की बात कहता था, आज हुआ भी वहीं। बिलखते भाइयों ने बागनदी थाना से कागजी कार्रवाई के बाद दोनों के शव लेकर दोपहर बाद सुकमा रवाना हुए। ज्ञात हो कि मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मारे गए सभी नक्सलियों की फोटो व जानकारी बस्तर-बैलाडीला, सुकमा समेत अन्य जिलों के थानों में भेज दी गई है। इसके जरिये ही सुखदेव और परमिला के परिजनों को उनके मौत की खबर मिली। पुलिस बाकि के पांच नक्सलियों के शव को मरच्युरी में रखा है। परिजनों की पहचान के बाद इनके शव भी उन्हें सौपें जाएंगे।

गांव में रखने झाड़-फूंक तक कराए, फिर भी असर नहीं हुआ

सुकमा जिले के करीकोंटा से लगे किस्टारम गांव में रहने वाले 30 वर्षीय सुखदेव उर्फ लक्ष्मण सोढ़ी महज 15-16 साल की उम्र में ही घर छोड़कर नक्सली संगठन से जुड़ गया था। शव लेने पहुंचे बड़े भाई गंगा सोढ़ी ने बताया कि छह भाइयों में सुखदेव सबसे छोटा था। बचपन में ही मां-बाप की मौत के बाद सुखदेव को बड़े भाइयों ने ही संभाला। करीब 15-16 वर्ष की उम्र में सुखदेव जंगल जाने लगा था। कई बार वो जंगल से कुछ दिनों बाद ही आता था। इसके कारण परिजनों ने उसे गांव में ही रखने झाड़फूंक कराई। दवा खिलाया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद वो कई सालों के लिए जंगल चला गया। जब कभी वो घर आता था तो उसे रोकते भी थे, लेकिन वो जंगल में ही लड़ते हुए मरने की बात कहता था। जो सही भी हुआ। कुछ ऐसी ही कहानी सुखदेव की पत्नी सुकमा के उइराज गांव में रहकर नक्सल संगठन से जुड़ी परमिला टेकाम की है।

जंगल में ही कर ली थी शादी

दर्‌रेकसा एरिया कमेटी के सचिव रहे सुखदेव सोढ़ी और परमिला टेकाम ने जंगल में रहकर ही शादी कर ली। परमिला के भाई सुखलाराम टेकाम ने यह बात बताई। उन्होंने कहा शादी के कुछ साल बाद दोनों ने इसकी जानकारी दी थी। उस समय भी हमने दोनों को समाज की मुख्य धारा से जुड़कर रहने के लिए मनाया था, लेकिन दोनों गुस्से में उसी दिन जंगल लौट गए। उसके बाद से कभी लौटे नहीं।

सोशल मीडिया में फोटो देखकर पहुंचे परिजन

बागनदी के सीतागोटा-शेरपार की पहाड़ी पर बीते शनिवार को मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस ने दर्‌रेकसा एरिया कमेटी के सचिव सुखदेव व सदस्य रही उनकी पत्नी परमिला समेत सात नक्सलियों को ढेर किया था। सभी नक्सलियों के शव का पीएम कराने के बाद पुलिस ने उनकी शिनाख्ती के लिए पुलिस थानों में जानकारी भेजी थी। परमिला के भाई सुखलाराम को कोंटा में सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद दोनों के भाई समेत परिजन केशव एट्टी, देवनाथ, मुड़ा टेकाम, चौरी गंगा व पचमी सोढी राजनांदगांव पहुंचे थे।

मुठभेड़ में मारे गए दर्रेकसा एरिया कमेटी के सचिव सुखदेव व पत्नी परमिला की शिनाख्ती कर ली गई है। दोनों सुकमा जिले के थे। परिजनों द्वारा पहचान करने के बाद बागनदी थाने में कागजी कार्रवाई कर शव उन्हें सौंप दिए हैं। बाकि पांच नक्सलियों के शव को मरच्युरी में रखा गया है।

जीएन बघेल, एएसपी नक्सल आपरेशन

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