भारत के दोस्त यूएई ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की धुकधुकी बढ़ जाएगी. वजह है भारत से उनकी वापसी. शेख हसीना को बहुत जल्द अब नया ठिकाना देखना होगा. भारत में वह शायद ही अब ज्यादा दिनों तक रह पाएंगी. क्योंकि बांग्लादेश लगातार शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग कर रहा है. हालांकि, अब तक औपचारिक रूप से यह मांग नहीं की गई है. इस बीच यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात ने शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले 57 बांग्लादेशियों को माफ कर दिया है. इन बांग्लादेशी नागरिकों को यूएआई में अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में जेल हुई थी. इन सभी बांग्लादेशी नागरिकों की सजा रद्द हो गई. यूएई के इस कदम से अब सवाल है कि क्या भारत पर भी शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजने का दबाव बढ़ेगा?
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में क्या हुआ? दरअसल, यूएई के नेता शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपने देश में विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में दोषी ठहराए गए 57 बांग्लादेशी नागरिकों को माफ कर दिया है. इन सबको जेल की सजा हुई थी. अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने यह निर्णय पिछले सप्ताह बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद लिया है.
UAE ने मान ली युनुस की बात
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता तब संभाली है, जब प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया. संयुक्त अरब अमीरात में हुई यह गिरफ्तारियां इस खाड़ी अरब देश में भाषण और सार्वजनिक विरोध को अपराध मानने वाले सख्त कानूनों को रेखांकित करती हैं. यूएई की सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने माफी पाने वाले बांग्लादेशियों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कहा कि इसमें वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने जुलाई में कई अमीरातों में विरोध प्रदर्शन और उपद्रव में हिस्सा लिया था.
शेख हसीना की कैसे बढ़ेगी टेंशन
दरअसल, शेख हसीना अभी भारत में हैं. शेख हसीना का किसी और देश में शरण लेना अब इतना आसान नहीं है. इसकी वजह है कि युनुस सरकार ने उनका डिप्लोमेटिक वीजा रद्द कर दिया है. पहले खबर थी कि शेख हसीना यूएई जा सकती हैं. मगर यूएई ने युनुस सरकार की बात मानकर जो फैसला लिया है, उससे यह साफ है कि शेख हसीना के लिए वहां का रास्ता भी बंद हो गया है. सूत्रों की मानें तो शेख हसीना के मुद्दे पर भारत ने यूएई से बातचीत की है. मगर अब तक इस मामले में कामयाबी नहीं मिली है. यूएआई ने जिस तरह से युनुस सरकार की बात मानी है, उससे लग नहीं रहा कि वह शेख हसीना को शरण देगा.
बांग्लादेश क्या करेगा?
हालांकि, यह भी हकीकत है कि शेख हसीना को भारत ज्यादा दिनों तक रख नहीं पाएगा. अगर ऐसा करता है तो बांग्लादेश से रिश्ते खराब होंगे. शेख हसीना की वापसी को लेकर बांग्लादेश ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है. मगर बांग्लादेश की सरकार उस तैयारी में पूरे जोर-शोर से लगी है. अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन की मानें तो अगर कोर्ट उन्हें कहती है कि शेख हसीना को किसी भी तरह बांग्लादेश वापस लाया जाए, तो जरूर वह इसके लिए कोशिश करेंगे और उन्हें वापस लेकर जाएंगे. इस बारे में भारत सरकार के साथ बांग्लादेश का एग्रीमेंट भी है.
अभी दिल्ली में हैं हसीना
बांग्लादेश ने हसीना और उनके रिश्तेदारों का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना 6 अगस्त को दिल्ली आ गईं. तब से वो दिल्ली में ही रह रही हैं. पहले कहा जा रहा था कि वो किसी और मुल्क में शरण लेंगी, लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा कि वो कहीं और जाने की तैयारी कर रही हैं. अब देखने वाली बात होगी कि शेख हसीना को लेकर भारत का अगला कदम क्या होगा.