Home देश टिकट कटते ही बगावत का बिगुल, MLA लक्ष्मण नापा और पूर्व मंत्री...

टिकट कटते ही बगावत का बिगुल, MLA लक्ष्मण नापा और पूर्व मंत्री कंबोज ने भाजपा छोड़ी

28
0

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है. इसमें 67 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. रतिया विधानसभा से भाजपा ने मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा का टिकट काट दिया और इसके बाद विधायक ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. रतिया सीट से भाजपा ने पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को चुनावी मैदान में उतारा है.

विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने के ठीक बाद प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली को पत्र लिखा और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में नापा ने लिखा, वह भाजपा कि वह भाजपा के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहे हैं. गौरतलब है कि फतेहाबाद के रतिया विधानसभा क्षेत्र में लक्ष्मण नापा ने पहली बार कमल खिलाया था. यहां से वह 2019 में 1216 वोटों से जीते थे. इससे पहले भाजपा इस सीट पर कभी नहीं जीती थी. 2009 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था.

इसी तरह, अब पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज ने भी भाजपा से इस्तीपा दे दिया है. वह हरियाणा भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे. पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज करनाल की इंद्री विधानसभा से टिकट चाह रहे थे. लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया. कर्णदेव कंबोज ने पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाकर सभी पदों से इस्तीफा दिया है और कहा कि समर्थकों के अनुसार वह आगामी फैसला लेंगे.

2014 से 19 तक मंत्री रहे थे कंबोज

गौरतलब है कि कर्णदेव कंबोज 2014 में चुनाव जीते थे और खट्टर सरकार में परिवहन मंत्री रहे थे. लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कर्ण देव कंबोज ने अपने इस्तीफे में लिखा कि भाजपा अब दीन दयाल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पार्टी नहीं रही और ऐसे में वह प्रदेशाध्यक्ष भाजपा ओबीसी मोर्चा हरियाणा अपने पद तथा भाजपा के सभी अन्य पदों से त्यागपत्र दे रहे हैं.  उन्होंने कहा कि  पार्टी में नुकसान करने वाले गद्दारों को तव्वजो दी जाती है.

भाजपा पर साधा निशाना

कंबोज ने कहा कि साथियों वर्षों तक मैने तथा मेरे पूरे परिवार ने भाजपा की तन मन धन से सेवा की। पिछले पांच साल तक मोर्चे के अध्यक्ष के नाते पूरे प्रदेश में प्रवास तथा इस समय हरियाणा में 150 सामाजिक टोलियां बना कर काम पर लगी हुई हैं, लेकिन अनुशासित पार्टी कहे जाने वाली भाजपा को शायद अब वफादारों की आवश्यकता नहीं है, इसलिए ऐसे लोगों के सहारे सरकार बनाना चाहती है जिन्होने हमेशा पार्टी को नुकशान पहुंचाया है. जो कि कभी बन नहीं पाएगी. ऐसे नेता, जो कल पार्टी में आए, उन्हें टिकट दी गईं और जो बचपन से पार्टी की सेवा में लगे हुए हैं, उन्हें दर किनार कर दिया है. फिर कांग्रेस और बीजेपी में फर्क क्या रह गया है. बाकी, आगे का फैसला मेरे समर्थक लेंगे कि चुनाव लड़ना है या नहीं लड़ना.

गुरुग्राम में भी विरोध की तैयारी

गुरुग्राम विधानसभा से मुकेश शर्मा की टिकट की चर्चा के बीच भाजपा में बगावत की शुरुआत हो गई है. यहां पर भाजपा नेता नवीन गोयल ने कहा कि टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय चुनाव लडूंगा. उन्होंने गुरुग्राम में पैदल यात्रा निकाल लोगो ने समर्थन मांगा है. अभी इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान भाजपा ने नहीं किया है. उन्होंने कहा कि आधिकारिक टिकट की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है और वह 6 साल से गुरुग्राम के लोगों की सेवा कर रहे हैं.