बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने एशियाई ऑपरेशन में इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. अमेरिकी न्यूज पेपर वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर की शिकायत में कहा गया था कि बैंकरों ने कथित तौर पर सैकड़ों मिलियन डॉलर प्राइस के प्रमुख स्टॉक सेल से पहले निवेशकों को नॉन-पब्लिक इंफोर्मेशन लीक कर दी थी. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जून में व्हिसलब्लोअर की शिकायत के बाद बैंक ऑफ अमेरिका ने इंटरनल जांच शुरू कर दी. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बैंकरों ने भारत में स्टॉक सेल के ऐलान से निवेशकों के साथ लेनदेन की डिटेल शेयर की, जिससे निवेशकों को संभवतः “फ्रंट-रनिंग” में शामिल होने में मदद मिली.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि शिकायत को जून में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी और बैंक ऑफ अमेरिका के एशिया में निवेश बैंकिंग प्रमुख के साथ भी शेयर किया गया था.
200 मिलियन डॉलर की डील
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्टैक सेल के ऐलान से पहले इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ने ट्रांजेक्शन डिटेल शेयर करने के लिए वॉट्सऐप के जरिए निवेशकों से संपर्क किया. इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि यह स्टैक सेल 200 मिलियन डॉलर की थी और आदित्य बिड़ला समूह और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी की एक ब्रांच से रिलेटेड थी.
क्या होती है इनसाइडर ट्रेडिंग
फ्रंट-रनिंग या इनसाइडर ट्रेडिंग, शेयर बाजार में प्रतिबंधित परंपरा है. इसमें कोई संस्था, स्टॉकब्रोकर या एनालिस्ट से अग्रिम सूचना के आधार पर व्यापार करती है, जबकि वह सूचना ग्राहकों के पास बाद में पहुंचती है. ऐसी सूचनाओं का फायदा उठाकर बड़े निवेशक शेयरों में खरीदी और बिक्री करते हैं और रिटेल निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हैं. शेयर बाजार में सबसे घोटाले को अंजाम देने वाले हर्षद मेहता ने भी किसी जमाने में इनसाइडर ट्रेडिंग करके पैसा बनाया था.