जयपुर एयरपोर्ट से हवाई सफर पर जाने वाले हवाई यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है. अब जयपुर एयरपोर्ट से यात्रा के दौरान किसी यात्री को हार्ट अटैक आता है तो एक खास मशीन की मदद से उसकी जान आसानी से बचाई जा सकेगी. दरअसल, जिस मशीन का हम जिक्र कर रहे हैं, उसका नाम ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) मशीन है. इस एईडी मशीन की मदद से हार्ट अटैक से पीडि़त यात्री को आसानी से सीपीआर दिया जा सकेगा.
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर पांच ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) मशीने लगाई गई हैं. इन मशीनों को डिपार्चर टर्मिनल के चेकइन, इमिग्रेशन, सिक्योरिटी होल्ड एरिया और बोर्डिंग गेट पर लगाया है. इसी तरह, इस मशीन को एराइवट टर्मिनल में एयरोब्रिज एरिया, इमिग्रेशन एरिया और बैगेज बेल्ट एरिया में लगाया गया है. मशीनों की लोकेशन कुछ इस तरह रखी गई है, जिससे जरूरत पड़ने पर यात्रियों के पास जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके.
कैसे इस्तेमाल में आएगी यह मशीन
उन्होंने बताया कि एईडी एक पोर्टेबल मशीन है, जिसका उपयोग अचानक कार्डियक अरेस्ट से जूझ रहे व्यक्ति को फस्ट मेडिकल एड देने के लिए किया जाता है. कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में इस मशीन की मदद से पीडि़त यात्री को आसानी से सीपीआर दिया जा सकेगा. इतना ही नहीं, इस मशीन की मदद से पीडि़त यात्री के हार्ट की धड़कन को भी सुधारा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस मशीन का बटन ऑन करके वाइस कमांड से ऑपरेट किया जा सकता है. इस मशीन का इस्तेमाल बेहद आसानी से एयरपोर्ट स्टाफ के साथ-साथ यात्री भी कर सकेंगे.
एयरपोर्ट स्टाफ को दी गई स्पेशल ट्रेनिंग
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में एईडी के जरिए पीडि़त यात्री को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) कैसे देना है, इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित किए जा रहे हैं. इस ट्रेनिंग सेशन में एयरपोर्ट स्टाफ के साथ-साथ ड्यूटी मैनेजर और हाउसकीपिंग स्टाफ को भी सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने की टेक्निक बताई गई है.