एडिटर इन चीफ राहुल जोशी ने वित्तमंत्री से टैक्स सहित कई मुद्दों पर खुलकर सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि क्या आने वाले समय में टैक्स रेट कम हो सकते है. इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि हम इनकम टैक्स को सरल और कम करने पर लगातार काम कर रहे हैं. अभी तक इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं और आगे भी इसका सरलीकरण करते रहेंगे.
इनकम टैक्स रेट कम करने के सवाल पर वित्तमंत्री ने कहा, ‘हम साल 2019 से ही डायरेक्ट टैक्स को सिम्पलीफाई करने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए नया रिजीम लेकर आए. इसकी दरें पुराने के मुकाबले काफी कम रखीं. आज जो करदाता निवेश की प्लानिंग करके आगे बढ़ते हैं, वे पुराने रिजीम के साथ जुड़े हैं. दो रिजीम होने की वजह से लोगों को ज्यादा ऑप्शन भी मिल रहा है.
कम हो गया है टैक्स का बोझ
वित्तमंत्री ने कहा कि टैक्स का बोझ कम करने के लिए हमने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट भी बढ़ा दी है. जुलाई में बजट पेश करने से पहले हमने बहुत चर्चा की. हमने मिडल क्लास के लिए भी बहुत काम किया. कोई भी रेट बढ़ाया नहीं गया. न्यू रीजिम के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दिया, जिससे टैक्स का बोझ कम हो गया है. नए रिजीम में सबकुछ बहुत आसान बना दिया है.
78 फीसदी लोग नए रिजीम में आए
वित्तमंत्री ने कहा कि आप नए रिजीम की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि महज 5 साल के भीतर इसमें 78 फीसदी करदाता शिफ्ट कर गए हैं. नए रिजीम में तो अब 7.75 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता. वहीं, पुराने रिजीम में भी 5 लाख तक टैक्स नहीं है. इसका फायदा मिडिल क्लास के साथ हायर नेटवर्थ वालों को भी मिलेगा.
क्या जीएसटी में भी होगा बदलाव
वित्तमंत्री से अगला सवाल जीएसटी में बदलाव को लेकर पूछा गया. उनसे पूछा गया कि कुछ देशों में 1 रेट है और कुछ में 2 रेट हैं, जबकि हमारे यहां 5 रेट हैं. इसे कम किया जाएगा. इस पर वित्तमंत्री ने कहा कि हां, सरकार काम कर रही है. पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर काम करेगा, फिर जीएसटी काउंसिल. हम भविष्य में इस दिशा में आगे बढ़ने की योजना पर काम कर रहे हैं.