क्वाड समिट से पहले PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की मुलाकात भी हुई. इस मुलाकात में भारत की अमेरिका से एमक्यू 9बी प्रिडेटर ड्रोन्स ( MQ-9B Predator Drones) की डील भी हुई. इससे पहले जब फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi US Visit) अमेरिका की स्टेट विजिट पर गए थे तब US ने भारत को 3.99 अरब डॉलर की अनुमानित लागत वाले 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन बेचने की घोषणा की थी.
क्या है भारत-अमेरिका की ड्रोन डील
डील के तहत अमेरिका, भारत को 31 हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) ड्रोन्स देगा. जिसमें इंडियन नेवी को 15 सी-गार्जियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को इस ड्रोन के आठ-आठ स्काई वर्जन (स्काई-गार्जियन) मिलेंगे. अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने एक बयान में कहा कि “विदेश विभाग ने भारत सरकार को 3.99 अरब डॉलर की अनुमानित लागत वाले रिमोट संचालित एमक्यू-9बी ड्रोन और उससे जुड़े सभी उपकरण की बिक्री को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. इससे भारत और अमेरिका के रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे.
क्या है 9बी प्रिडेटर ड्रोन्स
एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन एक मानवरहित यूवी (Unmanned Vehicle) या विमान है. ये ड्रोन रिमोट से संचालित किये जाते हैं. एमक्यू-9बी के कुल दो वर्जन हैं- सी-गार्जियन और स्काई गार्जियन. ये ड्रोन जमीन से लेकर आसमान और समंदर से लॉन्च किये जा सकते हैं. MQ-9B ड्रोन को “प्रीडेटर्स” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ये हथियार से लैस होते हैं. MQ-9B Predator Drones हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) की कैटेगरी में आते हैं और 40 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकते हैं.
1850 KM की रेंज, इस्लामाबाद जद में
एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन्स की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए टारगेट को दूर से ही खत्म किया जा सकता है. इन ड्रोन्स की रेंज 1850 किलोमीटर तक है. एक तरीके से भारत के हाथ में ये ड्रोन आने के बाद इस्लामाबाद से लेकर पाकिस्तान से ज्यादातर शहर नई दिल्ली की जद में होंगे. MQ-9B ड्रोन 2177 किलो का पेलोड अपने साथ ले जा सकते हैं. इन ड्रोन्स में लेजर गाइडेड मिसाइल, एंटी टैंक मिसाइल और एंटी शिप मिसाइलें लगी होती है.
US ने इसी ड्रोन से अल जवाहिरी को मारा था
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक ये प्रेडेटर ड्रोन सर्च और रेस्क्यू से लेकर लॉ एनफोर्समेंट, बॉर्डर एनफोर्समेंट और काउंटर अटैक जैसे मिशन में काम आते हैं. अमेरिका लंबे समय से जमीन से लेकर हवा तक अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए इन ड्रोन्स का इस्तेमाल करता रहा है. साल 2022 में अमेरिका ने अलकायदा के खूंखार आतंकवादी अयमान-अल-जवाहिरी को काबुल में इन्हीं ड्रोन्स के जरिए ही मार गिराया था.
UNSC में की स्थायी सदस्यता का समर्थन
अमेरिका ने यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया है. जो बिडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अमेरिका भारत के महत्व को समझता है और इसीलिए यूएनएससी जैसे ग्लोबल इंस्टीट्यूशंस में बदलाव चाहता है. उन्होंने कहा कि यूएनएससी में बदलाव एक सुरक्षित दुनिया के लिए भी जरूरी है. अभी यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के कुल 15 मेंबर हैं, जिसमें से पांच- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस परमानेंट मेंबर हैं. इनके पास वीटो पावर है. भारत लंबे समय से यूएनएससी में परमानेंट मेंबरशिप की मांग करता रहा है.
297 प्राचीन वस्तुएं भी लौटाएगा अमेरिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिडेन की मुलाकात के बाद अमेरिका भारत को 297 पुरातात्विक अवशेषों को लौटने पर राजी हो गया है. ये वस्तुएं तस्करी कर US ले जाई गई थीं और वहां के म्यूजियम का हिस्सा थीं.
भारत देगा कैंसर की वैक्सीन
क्वाड की मीटिंग में इंडो पेसिफिक इलाके में सर्विकल कैंसर के बढ़ते खतरे पर भी चर्चा हुई. क्वाड मेंबर्स ने कैंसर से निपटने के लिए एक साथ आने पर सहमति जताई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्विकल कैंसर से निपटने के लिए चार करोड़ वैक्सीन मुफ्त देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत ने सर्विकल कैंसर के लिए वैक्सीन विकसित की है और इस विशेषज्ञता को दूसरे देशों से साझा करने के लिए तैयार है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ का फार्मूला भी दिया. इसके साथ ही 7.5 मिलियन डॉलर की सैंपलिंग किट, डिटेक्शन किट जैसी चीजें भी देने की घोषणा की.