हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 का परिणाम आ चुका है. बीजेपी ने जोरदार तरीके से सत्ता में वापसी की है. भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडितों के सारे आंकड़ों और गणनाओं को फेल कर दिया है. अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र देश को सबसे ज्यादा सांसद देने वाला राज्य है, ऐसे में यहां होने वाले विधानसभा चुनाव का महत्व काफी बढ़ जाता है. हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम की धमक महाराष्ट्र पहुंच भी चुकी है. शिवसेना (UBT) के प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ी बात कही है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए तय किए गए चेहरे का समर्थन करेंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए वह अपने सहयोगी दलों की ओर से तय किसी भी चेहरे का समर्थन करेंगे.
मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी के घटक दलों (कांग्रेस और एनसीपी (एसपी)) की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए तय किए गए किसी भी उम्मीदवर का वह समर्थन करेंगे. यह कोई पहला मौका नहीं है जब उद्धव ने यह बात कही है. इससे पहले भी वह सीएम फेस को लेकर अपने मन की बात कह चुके हैं. दूसरी तरफ, शरद पवार पहले भी इस पर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के चेहरे तय किए जाएंगे. विधानसभा चुनाव परिणाम में आने वाली सीटों के आधार पर यह तय किया जाएगा.
महाराष्ट्र बचाने के खातिर
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए वह कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित किसी भी चेहरे का समर्थन करेंगे. इस मौके पर उन्होंने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार पर फेक नैरेटिव फैलाने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने ‘लड़की बहिन’ स्कीम पर निशाना साधा. इस योजना के तहत योग्य महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का प्रावधान किया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र में भी विधानसभा होने हैं. यहां की विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. साथ ही यहां से कुल 48 सांसद चुनकर संसद जाते हैं.
में भी उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) को सीएम उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए. साथ ही कहा था कि ज्यादा सीट हासिल करने वाल सहयोगी दल के नेता ही मुख्यमंत्री बनेंगे यह लॉजिक कारगर नहीं होगा. हालांकि, शरद पवार से जब इस बाबत सवाल पूछा गया था तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि चुनाव बाद इसपर विचार किया जाएगा.