नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने बैंक निफ्टी, निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स को बंद करने का निर्णय लिया है. अब से केवल निफ्टी की वीकली एक्सपायरी ही होगी. NSE ने 10 अक्टूबर को जारी एक सर्कुलर में यह जानकारी दी. एनएसई के अनुसार, 13, 18 और 19 नवंबर से बैंक निफ्टी, निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स बंद कर दिए जाएंगे. गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2023-24 तक 1.13 करोड़ यूनिक इंडीविजुअल ट्रेडर्स ने फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग करने पर 1.81 लाख करोड़ रुपये की अपनी गाढ़ी कमाई को गंवा दिया है. इससे सेबी चिंतित है.
यह कदम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के हालिया सर्कुलर के अनुसार उठाया गया है, जिसमें फ्यूचर्स और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए नए नियम लागू किए गए हैं. 20 नवंबर से सभी एक्सचेंजों को प्रति एक्सचेंज एक ही इंडेक्स तक वीकली ऑप्शन एक्सपायरी को सीमित करना होगा. इसके साथ ही, एक्सचेंजों को दिन में कम से कम चार बार इंट्राडे पोजीशन की निगरानी करनी होगी. इंट्राडे लिमिट्स का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो वर्तमान में ट्रेडिंग डे के अंत में लागू होने वाले जुर्माने के समान है.
इंडेक्स डेरिवेटिव फ्रेमवर्क को मजबूत करना चाहता है सेबी
1 अक्टूबर को सेबी ने निवेशकों की सुरक्षा और मार्केट की स्थिरता को बढ़ाने के लिए इंडेक्स डेरिवेटिव फ्रेमवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की थी. इनमें प्रमुख बदलाव यह था कि वीकली एक्सपायरी के साथ प्रति एक्सचेंज केवल एक बेंचमार्क इंडेक्स के डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की अनुमति होगी. यह कदम डेरिवेटिव ट्रेडिंग की अटकलों और विशेष रूप से एक्सपायरी के दिनों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है. सेबी के निर्देशों का पालन करते हुए, बीएसई (BSE) ने 3 अक्टूबर को घोषणा की थी कि 14 नवंबर से सेंसेक्स 50 के वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स बंद कर दिए जाएंगे और 18 नवंबर से बैंक के वीकली कॉन्ट्रैक्ट्स बंद होंगे.
तीन साल में 1.81 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2023-24 तक 1.13 करोड़ यूनिक इंडीविजुअल ट्रेडर्स ने फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग करने पर 1.81 लाख करोड़ रुपये की अपनी गाढ़ी कमाई को गंवा दिया है. सेबी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में ही 75000 करोड़ रुपये का निवेशकों को नुकसान हुआ है. सेबी के मुताबिक 91.1 फीसदी इंडीविजुअल ट्रेडर्स ने फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग करने पर पैसे गवाएं हैं. हर ट्रेडर्स को औसतन 2023-24 में 1.20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.