नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड और मासिक पेंशन के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प है. एनपीएस में निवेश करके न सिर्फ आप अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि टैक्स छूट का लाभ भी उठा सकते हैं. एनपीएस में निवेशक को रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त बड़ी रकम मिलती है और इसके साथ ही मासिक पेंशन का लाभ भी मिलता है. खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स नहीं लगता है. अगर आपको लगता है कि एनपीएस में केवल नौकरी के दौरान ही निवेश किया जा सकता है, तो आप गलत हैं.
नए नियमों के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद भी एनपीएस में निवेश जारी रखा जा सकता है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एनपीएस को अधिक लचीला बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. अब 60 से 65 साल की उम्र के बीच भी निवेश किया जा सकता है, और अंशधारक 70 साल की उम्र तक एनपीएस में योगदान जारी रख सकता है.
मैच्योरिटी पर निकाल सकते हैं 60 फीसदी
एनपीएस से मैच्योरिटी पर पूरे फंड की निकासी नहीं की जा सकती है. कुल फंड का 40 प्रतिशत हिस्सा अनिवार्य रूप से एन्युटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है. शेष 60 प्रतिशत राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है. यदि आप रिटायरमेंट के बाद भी अपनी एनपीएस जमा को नहीं निकालना चाहते, तो सरकार आपको ऐसा करने की अनुमति देती है.
मिलती है टैक्स छूट
एनपीएस में निवेश करने से टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है. भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80CCD(1), 80CCD(1B), और 80CCD(2) के तहत आप टैक्स में कटौती के हकदार हैं. धारा 80CCD(1B) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त की जा सकती है, जो धारा 80C की 1.5 लाख रुपये की कर छूट के अतिरिक्त है.
एनपीएस खाते के प्रकार
एनपीएस में दो प्रकार के खाते होते हैं: टियर 1 और टियर 2। टियर 1 अकाउंट रिटायरमेंट अकाउंट होता है, जिसमें पैसे निकालने पर कुछ शर्तें लागू होती हैं. वहीं, टियर 2 अकाउंट एक सेविंग अकाउंट की तरह होता है, जिसमें से आप बिना किसी पाबंदी के पैसे निकाल सकते हैं.