सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे कॉलोनी इलाक़े में पेड़ों की कटाई के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए विशेष बेंच का गठन किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, यह बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी. छात्रों की ओर से चीफ़ जस्टिस को लिखे गए एक पत्र के बाद यह फ़ैसला आया है.
छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चीफ़ जस्टिस को पत्र लिखकर पेड़ों की कटाई के मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.
आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड के लिए मुंबई पुलिस, मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और ग्रेटर मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन 2700 पेड़ों का कटान कर रहे हैं.
मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए इस इलाक़े में कार शेड बनाने का पहले से ही विरोध हो रहा था. इसे लेकर हाई कोर्ट में कई याचिकाएं भी डाली गई थीं मगर शुक्रवार को अदालत ने उन सभी को ख़ारिज कर दिया था.
सैकड़ों पेड़ कटने की आशंका
बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल न मानते हुए पेड़ों की कटाई की मंजूरी के फ़ैसले को रद्द करने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद से ही पेड़ों की कटाई का काम शुरू हुआ और आशंका जताई जा रही है कि अब तक सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं.
पर्यावरण कार्यकर्ता पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे हैं. इलाक़े में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शनिवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिसकर्मियों से हाथापाई के बाद इलाके में धारा 144 भी लगा दी गई थी.
शनिवार को पुलिस ने विरोध कर रहे 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया और अन्य कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने शनिवार को हाई कोर्ट में एक नई याचिका डाली थी मगर अदालत ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया था.
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