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अजित पवार पर देवेंद्ग फडणवीस मेहरबान, 100 घंटे बाद भी ‘होम’ पर अटकी बात, एकनाथ शिंदे के पास बस ये विकल्प

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महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चार दिन पहले सरकार का गठन हो चुका है. बावजूद इसके मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे को लेकर महायुति के सहयोगी दलों के बीच बवाल नहीं थमा है. बीते गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार ने शपथ ली थी. शपथ ग्रहण से चंद मिनट पहले तक एकनाथ शिंदे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी. एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के लिए गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए थे.

राज्य में सरकार गठन के करीब 100 घंटे होने जा रहे हैं. बावजूद इसके राज्य में सीएम और दो डिप्टी सीएम के अवाला कोई मंत्री नहीं है. इससे पहले राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब 12 दिन बाद सरकार का गठन हो पाया. चुनाव में महायुति को मिली शानदार जीत के बाद पहले तो सरकार गठन में अनावश्यक देरी हुई. अब सरकार में मंत्रियों और विभागों के बंटवारे पर तकरार शुरू हो गया है.

गृह मंत्रालय पर नो
दरअसल, इस विवाद की जड़ में राज्य का गृह विभाग है. एकनाथ शिंदे सीएम की कुर्सी छोड़ने के बदले गृह विभाग की मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह गृह विभाग के साथ कोई समझौता नहीं करेगी. बीते एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम रहे देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग था. उससे पहले जब शिवसेना के साथ गठबंधन में 2014 में देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाई थी तब भी गृह विभाग अपने पास ही रखा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि वह एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय नहीं देगी.

पांच दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा. 16 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा. अब भाजपा के सूत्रों का कहना है कि सात से नौ दिसंबर तक सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है.
दादा से कमिट्मेंट
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना लगातार एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने की मांग कर रही है. लेकिन, भाजपा इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. भाजपा का कहना है कि केंद्र की सरकार में भी भाजपा के पास गृह मंत्रालय है. इतना ही नहीं भाजपा ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अब शिवसेना को यह भी स्पष्ट किया जा चुका है कि पार्टी वित्त और प्लानिंग विभाग अजित पवार को देने का वादा कर चुकी है. अजित पवार लंबे समय से राज्य के वित्त मंत्री हैं. वह एकनाथ शिंदे सरकार में भी वित्त मंत्री थे. वह उद्धव ठाकरे की सरकार में भी वित्त मंत्री थे.
शिंदे के पास विकल्प
सूत्रों का दावा है कि अब एकनाथ शिंदे के पास केवल और केवल एक विकल्प है. भाजपा उनको शहरी विकास, राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग में किसी का चुनाव करने का विकल्प दे सकती है. इसी में से शिंदे को अपने लिए विभाग चुनने होंगे. हालांकि ये तीनों भी काफी बड़े बजट वाले विभाग हैं.