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सब्‍जी वाले ने किया 13.5 करोड़ के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़! मुंबई के ज्‍वैलर ने कैसे लगाया हजारों लोगों को चूना

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फर्जीवाड़ा चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, ज्‍यादातर मामले लालच की वजह से ही कामयाब होते हैं. लालच की ऐसी ही बानगी मुंबई में भी पेश आई है. जहां एक ज्‍वैलर्स ने लोगों को 520 फीसदी तक रिटर्न देने का लालच दिया और उन्‍हें अपने जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये ऐंठ लिए. ज्‍वैलर्स के इस जाल में फंसे तो हजारों लोग थे, लेकिन इसका खुलासा एक सब्‍जी वाले ने किया और उसी ने आरोपी ज्‍वैलर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.

मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस ने टोरेस ज्वैलर्स के निदेशकों और सीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि इन लोगों ने निवेशकों से 13.48 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है. यह शिकायत नरीमन पॉइंट के एक सब्जी विक्रेता ने दर्ज कराई, जिसके बाद निवेशकों की भीड़ कंपनी के दादर कार्यालय के बाहर जमा हो गई. वे अपनी निवेश की गई राशि को वापस दिलाने की मांग कर रहे थे. लोगों का कहना है कि ज्‍वैलर्स ने अच्‍छे रिटर्न का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया.

शटर डाउन कर भागे निवेशक
मीरा भयंदर क्षेत्र के हजारों निवेशक उस समय खुद को ठगा महसूस करने लगे, जब उन्‍होंने दुकान का शटर बंद पाया. टॉरेस ज्‍वैलर्स कंपनी प्लेटिनम हरेन प्राइवेट लिमिटेड के तहत 2023 में पंजीकृत हुई थी. 2024 में इसने दादर में एक बड़ा आउटलेट खोला और बाद में मीरा-भयंदर सहित अन्य स्थानों पर भी इसका विस्तार किया. टॉरेस ज्वेलरी ने सोना, चांदी और मोइसनाइट की खरीद पर उच्च रिटर्न का वादा किया था. कंपनी ने सोना पर 48%, चांदी पर 96% और मोइसनाइट पर 520% सालाना रिटर्न को हर हफ्ते किस्‍त के रूप में चुकाने की बात कही थी. फिलहाल दो हफ्तों से रिटर्न मिलना बंद हो गया है, जिसकी वजह से निवेशक घबराए हुए हैं.

कंपनी ने निवेशकों को मोइसनाइट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें सबसे अधिक रिटर्न 8% से 11% हर हफ्ते देने का दावा किया गया. प्लेटिनम हरेन प्राइवेट लिमिटेड ने अपना पंजीकृत कार्यालय गिरगांव के ओपेरा हाउस बिल्डिंग में सूचीबद्ध किया है. इसमें बतौर निदेशक इमरान जावेद, सर्वेश सुरवे और ओलेना स्टाइन शामिल हैं.
शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार वैश्य ने आरोप लगाया है कि धोखाधड़ी 21 जून 2024 से 30 दिसंबर 2024 के बीच हुई. वैश्य और छह अन्य निवेशकों ने बताया कि शुरुआत में कंपनी ने रिटर्न दिया, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा. 30 दिसंबर 2024 के बाद से सभी भुगतान, जिसमें मूल राशि भी शामिल है, बंद हो गए.

विदेश भाग गए कंपनी के मालिक
पुलिस ने खुलासा किया है कि कंपनी का मालिक विदेश में हो सकता है और अन्य सहयोगियों की पहचान करने और धोखाधड़ी योजनाओं में शामिल आपूर्तिकर्ताओं का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है. दूसरी ओर, टोरेस ज्‍वैलर्स ने अपनी वेबसाइट पर सीईओ तौफीक रियाज और चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक गुप्ता पर चोरी और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है. कंपनी का दावा है कि इन दोनों ने मिलकर उसकी एक ज्वेलरी शॉप में चोरी की साजिश रची. वेबसाइट पर सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया है, जिसमें कथित तौर पर रियाज और गुप्ता को कीमती सामान चुराते और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है. पुलिस फिलहाल सच्‍चाई का पता लगा रही है.