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साल का आखिरी महीने बीतने को है और अब तक 14वे वित्त आयोग मद की राशि का अता-पता नहीं है। पंचायतों द्वारा आंगनबाड़ियों को दी जाने वाली पोषण आहार बंद होने की कगार पर।

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राजनांदगांव(अबतक समाचार वेब डेस्क):-ग्राम पंचायतों में फंड नहीं होने से विकास कार्य रुक गया है। छुट-पुट कार्यों के लिए भी पैसा नहीं है। दूसरी ओर सरकार अब पंचायतों में होने वाले कामकाज के डिटिजल पेमेंट करने भी कर दी है। इसके अलावा पंचायतों का लेखा जोखा दुरुस्त करने भी दबाव है।इस चुनावी साल में कामकाज ठप होने से भी सरपंच परेशान हैं।

ग्राम पंचायतों में विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग के मद से राशि प्रदान की जाती है पर दो साल में एक क़िस्त राशि ही जमा हो पाई है और तीन क़िस्त साल का आखिरी महीने बीतने को है और अब तक राशि का अता-पता नहीं है। ग्राम पंचायतों के सरपंच राशि के संबंध में पतासाजी करने जनपद व जिला पंचायत का चक्कर भी काट रहे हैं। वे जिला व जनपद पंचायत को पत्र लिखकर भुगतान की मांग भी कर चुके हैं। लेकिन इन दफ्तरों में किसी को यह भी जानकारी देने की फुर्सत नहीं है कि राशि शासन से मिली है अथवा नहीं। यदि मिल गई है तो पंचायतों के खाते में किस कारण से राशि नहीं डाली जा रही है।

ग्राम पंचायतों में विकास व विभिन्ना निर्माण कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। लेकिन फंड की कमी के चलते तैयार प्रस्ताव में से कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है। सरपंचों का कहना है कि में निकासी नाली का निर्माण, सड़कों की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था, सहित इस तरह के कई काम किया जाना है। लेकिन पैसा नहीं होने के कारण इनमें से कोई भी काम नहीं कर पा रहे हैं।और जो काम हो गया है उसका पेमेंट नही हो पाया जिसके कारण देकेदार ,मजदूरो की आये दिन दो बातें सुननी पड़ती है वही मटेरियल सप्लायर राशि के लिए लगातार दबाव दे रहे है। वही कई पंचायत तो पंचायत द्वारा आंगनबाड़ी में दी जाने वाली पोषण आहार भी बंद कर दी गई ,
आने वाले साल के पहले महीने में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। प्रशासन द्वारा पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची बनाने की तैयारी भी लगभग पूरी कर ली गई है। सरपंचों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि चुनावी साल होने के बावजूद सरकार उन्हें पैसा उपलब्ध नहीं करा रही है। ऐसे में काम काज प्रभावित हो रहा है। यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो चुनाव में जनता का सामना करना मुश्किल हो जाएगा। इस कारण भी सरपंच 14वें वित्त की राशि की बाट जोह रहे हैं।

14 वें वित्त आयोग का पैसा साल में दो किस्तो में पंचायत में पहुचता है पर दो साल में एक ही क़िस्त आया है ,अभी फंड नही होने के चलते पंचायत में कोई काम नही चल रहा है और जो हुआ है उनको पेमेंट करने में दिक्कत हो रही है अब तो आलम है जो आँगनबाड़ीयो को पोषण आहार दिया जाता है उसे चलाने सोचना पड़ रहा है
भोजेश शाह सरपंच (मानपुर)

नहीं दे रहें सही जानकारी

14 वें वित्त की राशि के संबंध में जानकारी लेने जनपद व जिला पंचायत का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन यहां कोई भी अधिकारी राशि क्यों नहीं मिल रही है इसके संबंध में सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। और जल्द से जल्द राशि आने की बात कह रहे है पंचायतों के काम अटका पड़ा हैं, लेकिन अफसरों को इसकी चिंता नहीं है।

  • नाजुक तारम, सरपंच सालेभट्टी(मानपुर)

और कितना इंतजार

14वें वित्त का पैसा अभी नहीं मिला है। पिछले वर्ष का पैसा एक क़िस्त 2019 में आया है। 2019 का एक भी क़िस्त अभी तक नही आया है इसके अलावा मनरेगा के तहत सड़क, नाली, मुरमीकरण आदि कार्य गांव में हुए हैं। इसका भुगतान भी अब तक नहीं हुआ है। गांव के जनप्रतिनिधि परेशान हैं और जिला प्रशासन के अफसर ध्यान भी नहीं देते।पता नही और कितना इंतजार करना पड़ेगा।

दरोगा नेताम सरपंच खुर्सीपार(अम्बागढ़ चौकी)

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